मुरादाबाद न्यूज़: बार काउंसिल ने वकीलों के दस्तावेजों के वैरीफिकेशन हुए बिना सीओपी (सर्टिफिकेट ऑफ प्रेक्टिस) के नवीनीकरण पर रोक लगाई है. इसके लिए पुरानी सीओपी की वैधता 31 दिसंबर तक की मियाद थी पर बार एसोसिएशन व अधिवक्ताओं का कहना है कि इस नवीनीकरण के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगाई हुई है. हालांकि मुरादाबाद में करीब ढाई हजार अधिवक्ता ऐसे है कि जिनका प्रेक्टिस के नवीनीकरण होना है. हालांकि नए अधिवक्ताओं की रजिस्ट्रेशन के लिए बार काउंसिल सीओपी से पहले परीक्षा लेगा.
जानकारी के अनुसार 2010 से पहले रजिस्ट्रेशन वाले अधिवक्ताओं के लिए बार काउंसिल ने सीओपी के लिए नवीनीकरण कराने के आदेश दिए है. पुराने सीओपी के लिए नवीनीकरण की मियाद 31 दिसंबर,22 तक तय की गई. सीओपी के बिना अधिवक्ता अपना वकालतनामा नहीं लगा सकते. बार काउंसिल ने वकीलों के दस्तावेज का सत्यापन हुए बिना सीओपी के नवीनीकरण पर रोक लगाई हुई है. वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक भटनागर का कहना है कि नवीनीकरण के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की फिलहाल रोक लगाई हुई है.
दि बार एसोसिएशन एंड लाइब्रेरी के महासचिव अभय कुमार सिंह का कहना है कि मुरादाबाद में दो हजार से ज्यादा अधिवक्ताओं का सीओपी के लिए नवीनीकरण होना है पर सुप्रीम कोर्ट की रोक से वैरीफिकेशन पर फिलहाल रोक बरकरार है. हालांकि नए अधिवक्ताओं के रजिस्ट्रेशन के लिए ऑल इंडिया बार काउंसिल परीक्षा लेगा. इसके बाद ही उन्हें सीओपी जारी किया जाएगा.