उत्तर प्रदेश में विदेशी कोयले की खरीदी पर प्रतिबंध, निजी क्षेत्र भी रद्द करेंगे टेंडर
बिजली संकट (Power Crisis) के बावजूद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) ने विदेशी कोयले (Foreign Coal ) खरीदने के प्रस्ताव को नकार दिया है।
लखनऊ: बिजली संकट (Power Crisis) के बावजूद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) ने विदेशी कोयले (Foreign Coal ) खरीदने के प्रस्ताव को नकार दिया है। उत्तर प्रदेश के ताप बिजलीघरों के लिए विदेशी कोयले की खरीद नहीं होगी। इतना ही नहीं निजी क्षेत्र के रोजा, बजाज और लैंको जैसे बिजली घर भी विदेशी कोयला नही खरीदेंगे। उत्तर प्रदेश के बिजली घरों को चलाने के लिए विदेशी कोयले की खरीद से करीब 11,000 करोड़ रुपए का बोझ सरकारी खजाने पर पड़ना था और इसके चलते बिजली दरों में भी वृद्धि की जानी तय थी।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विदेशी कोयले की खरीद के केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ नियामक आयोग में याचिका दाखिल की थी और इसका टेंडर रोकने की मांग की थी। केंद्र सरकार के आदेश के बाद बीते माह उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा विभाग ने विदेशी कोयला खरीदने के लिए बकायदा टेंडर भी निकाल दिया था। हालांकि बाद में इसे रोक दिया गया था। निजी क्षेत्र की बिजली कंपनियों ने भी अलग से विदेशी कोयले की खरीद के लिए टेंडर निकाले थे। अब प्रदेश सरकार के विदेशी कोयला न खरीदने के फैसले के बाद निजी बिजली कंपनियां भी टेंडर रद्द करेंगी।
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने जारी किया था नोटिस
परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि उनकी याचिका पर उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम सहित उत्तर प्रदेश के सभी निजी घरानों रिलायंस की रोजा, बजाज की ललितपुर और बजाज लैंको को नोटिस जारी करते हुए अनेकों विधिक सवाल उठाते हुए यह भी जवाब तलब किया गया था की विदेशी कोयले की खरीद से उपभोक्ताओं पर भार पड़ेगा इसलिए इस पर उत्तर प्रदेश सरकार की अनुमति भी आयोग को सौंपी जाए।
बिजली दरों में बढ़ोतरी संभावित
इसके बाद उत्तर प्रदेश राज्य उत्पादन निगम के चेयरमैन एम. देवराज की तरफ से उत्तर प्रदेश सरकार को यह प्रस्ताव भेजा गया था कि विदेशी कोयले की खरीद पर विद्युत नियामक आयोग द्वारा उठाए गए सवाल के बाद निगम सहित प्रदेश के सभी निजी घरानों द्वारा विदेशी कोयला की खरीद की दशा में अतिरिक्त लगभग 11,000 करोड़ का खर्च आएगा। इसकी वजह से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में पचासी पैसा प्रति यूनिट से लेकर रुपया 1 प्रति यूनिट तक बढ़ोतरी संभावित है।
योगी सरकार ने जारी किया आदेश
इस आपत्ति के बाद योगी सरकार ने लिखित में यह आदेश जारी कर दिया है की उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम सहित प्रदेश का कोई भी निजी घराना विदेशी कोयले की खरीद नहीं करेगा। उपभोक्ता परिषद ने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया और प्रमुख सचिव ऊर्जा और उत्पादन निगम प्रबंध निदेशक से मुलाकात कर धन्यवाद दिया है। परिषद अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र सरकार के दबाव के बावजूद भी प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के हित में फैसला लेकर यह साबित कर दिया गया कि प्रदेश में तीन करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं का हित हमेशा सुरक्षित रहेगा।
उपभोक्ताओं के हित में है फैसला
जिस प्रकार से पूरे देश में केंद्र सरकार के दबाव में विदेशी कोयला खरीद के लिए हाहाकार मचा है अब उसमें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक कदम आगे बढ़ाकर लिया गया फैसला उपभोक्ताओं के हित में है। केंद्र सरकार लगातार दबाव डाल रही थी की उत्तर प्रदेश में अभिलंब विदेशी कोयले की खरीद की जाए, लेकिन विद्युत नियामक आयोग द्वारा पूर्व में जो सराहनीय कदम उठाया गया था आज उसकी भी देन है जिससे प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को इतनी बड़ी जीत मिली है।