संक्रमण के प्रकोप और ठंडक के कम-ज्यादा होने से बैल्सी पाल्सी रोग बढ़ रहा हैं, तीन लोगो की मौत
जानिए पूरा मामला
जनता से रिस्ता वेबडेस्क: वायरल संक्रमण के प्रकोप और ठंडक के कम-ज्यादा होने से बैल्सी पाल्सी के रोगी बढ़ रहे हैं। नर्व में सूजन आने की वजह से रोगियों को चेहरे का पक्षाघात हो रहा है। इसके साथ ही ब्लड प्रेशर अनियंत्रित होने की दिक्कत बनी हुई है। इससे रोगियों को हार्ट अटैक पड़ रहा है।
गुरुवार को दो रोगियों की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके साथ ही एक दमा के रोगी की मौत हुई है। हैलट ओपीडी में सांस की एलर्जी के रोगी बढ़ गए हैं। इसके साथ ही गले के संक्रमण के रोगी आ रहे हैं। डाक्टरों का कहना है कि फ्लू के संक्रमण की चपेट में रोगी आ रहे है।
इसके लिवर और गुर्दा रोगियों में जटिल लक्षण उभर रहे हैं। बैल्स पाल्सी के रोगी इस वक्त हैलट और निजी अस्पतालों में आ रहे हैं। ईएनटी फाउंडेशन के संयोजक डॉ. देवेंद्रलाल चंदानी ने बताया कि बैल्स पाल्सी वायरल संक्रमण और ठंड लगने से होती है।
मस्तिष्क से कान में होते हुए चेहरे पर आने वाली नर्व में वायरल संक्रमण या ठंडक से सूजन आती है। नसों में खून बहाव प्रभावित होता है और चेहरे पर पक्षाघात हो जाता है। इस वक्त वायरल संक्रमण भी है और ठंड भी। इलाज से रोगी दो-तीन महीने में ठीक हो जाता है। इसके अलावा सर्द-गर्म से सांस तंत्र की भी एलर्जी बढ़ रही है।
कार्डियोलॉजी की इमरजेंसी में हार्ट अटैक के रोगी आ रहे हैं। सिविल लाइंस के उमेश (55) और बर्रा के दिनेश वर्मा (66) की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इन्हें तड़क परिजन कार्डियोलॉजी लाए थे लेकिन डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं हैलट में गुर्दा, लिवर और ब्रेन अटैक के रोगियों को गंभीर हालत में भर्ती किया गया है।