Azamgarh: किसानों ने छुट्टा पशुओं के आतंक से परेशान होकर किया विरोध प्रदर्शन
एक सप्ताह में सांड ने तीन लोगों पर किया जानलेवा हमला
आजमगढ़: अहरौला विकासखंड के मतलूबपुर ग्राम सभा के गमीणों ने छुट्टा पशुओं के आतंक से परेशान होकर विरोध प्रदर्शन किया है ग्रामीणों का कहना है की कई साल से समस्या बनी है हमारे गांव के लोग छुट्टा खेती किसानी करना छोड़ दिये है एक सांड के द्वारा एक सप्ताह में तीन लोगों पर जानलेवा हमला कर दिया छुट्टा पशुओं के समाधान के लिए कई बार ब्लॉक पर और एसडीएम के यहां भी प्रार्थनापत्र दिया गया लेकिन छुट्टा पशुओं का कोई निदान नहीं किया गया। जिससे गांव के अधिकांश किसान खेती करना बंद कर दिये है कई सालों से किसान छुट्टा पशुओं के आतंक से खेती किसानी नहीं कर पा रहे हैं।
छुट्टा पशुओं में एक सांड इतना उग्र हो गया है कि एक सप्ताह में गांव के तीन लोगों पर जान लेवा हमला कर चुकां है। सांड के हमले में घायल जगदंबा शुक्ला, रोहित पांडे, राधेश्याम यादव इन लोगों का कहना है की सांड के द्वारा लगातार लोगों पर हमला बोला जा रहा है दरवाजा बंद करने पर वह दरवाजे पर ठोकर मार रहा है वही गांव में घूम रहे छुट्टा पशु किसानों के फसलों को भी बर्बाद कर दे रहे हैं मतलूबपुर गांव के किसानों का कहना है कि जब वह ब्लॉक पर प्रार्थना पत्र देने जाते हैं तो ब्लॉक के लोग कहते हैं पहले पैसा जमा कराईये जिससे पशुओं को पकड़वाने और ले जाने के लिए की व्यवस्था कि जाए सरकार छुट्टा पशुओं के समाधान की बात कहती है लेकिन कोई बात सुनने को तैयार नहीं है ऐसे में किसान करें तो क्या। इस मौके पर देवीप्रसाद पाण्डेय, जगदंबा शुक्ला, मुन्ना शुक्ला, अनिल पाण्डेय, अमित तिवारी, दिनेश पाण्डेय, शशांक पाण्डेय, रोहित, आदि मौजूद रहे।।
इस सबंध में खण्ड विकास अधिकारी अहरौला आलोक कुमार का कहना है छुट्टा पशुओं को गौशाला तक छोड़ने के लिए कोयलसा से ट्रैक्टर मगवाया जाता है इसके लिए कोई बजट नहीं मिलता है गांव वाले इसकी व्यवस्था करते हैं तो ठीक है, नहीं तो गांव के प्रधान से मैनेज कराया जाता है फिलहाल मतलूबपुर से कई बार छुट्टा पशुओं को भेजा गया है अगर फिर समस्या है तो पशुओं को पकड़वाकर फिर गोशाला भेजवाया जाएगा।।