वाराणसी। काशी आयुर्वेद चिकित्सा जगत की जननी रही है। आचार्य सुश्रुत में जहां सर्जरी तो वहीं महर्षि चरक ने मेडिसिन में इस चिकित्सा पद्धति को भारत वर्ष में अग्रणी बनाया था। लेकिन कालांतर में यह विद्या धीरे-धीरे आधुनिक अंग्रेजी चिकित्सा पद्धति से कहीं पिछड़ती चली गई। पर 2014 के बाद देश में जब भाजपा की सरकार बनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कंधे से कंधा मिलने के लिए प्रदेश में योगी सरकार सत्ता में आई, तो आयुर्वेद को उसके इस पुराने स्थान पर स्थापित करने के लिए जोर-जोर से काम शुरू हुआ।
आयुष मंत्रालय को कुछ ज्यादा ताकत दी गई और प्रदेश के कई जिलों में आयुष के कई बड़े चिकित्सालय खोले गए। लेकिन सरकार का मन इससे नहीं भरा। लिहाजा इसे जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रचार- प्रसार के माध्यमों पर जोर दिया। प्रचार- प्रसार की इसी कड़ी में एक माध्यम शहर के विभिन्न इलाकों में यूनिपोल के जरिए आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की वर्तमान समय में उपयोगिता और उसके लाभ को जन- जन तक पहुंचने के लिए लगाने का निर्णय लिया।
इस निर्णय के अंतर्गत आयुष विधान ने अशोका आउटडोर से संपर्क किया। अशोका आउटडोर आयुर्वेद के प्रचार- प्रसार के इस पुनीत कार्य के लिए 15-15 यूनिपोल ( लीड, नोन लीड) / कैंटिलीवर सभी शहरों में निःशुल्क लगाने की अपनी सहमति दी, जिसके बाद उन्हें ऑर्डर मिला। इसमें खास बात यह है की शहरों में लगने वाले यूनिपोल का सारा खर्च अशोक आउटडोर स्वयं वहन करेगा आयुष मंत्रालय से इसके लिए इन्हें कोई शुल्क नहीं दिया जाएगा। हां यह जरूर है कि इस यूनिपोल में एक तरफ जहां आयुर्वेद का प्रचार होगा तो वहीं दूसरी तरफ कमर्शियल प्रचार भी होगा। इस श्रृंखला में पहला लिड यूनीपोल वाराणसी के सिगरा में लगा है। जिसका उद्घाटन माननीय आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र (दयालु) के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में शहर के गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहें।