अलीगढ़ न्यूज़: कृषि विभाग ने धान की खेती करने वाले किसानों को एलमपुर में जागरुकता गोष्ठी का आयोजन कर जागरूक किया. किसानों से कहा कि बासमती की खेती करें. बासमती की मांग देश के साथ ही विदेश में भी है. अंधाधुंध उर्वरक, पानी एवं कीटनाशक से बचते हुए खेती की लागत को कम करें.
कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने बासमती किसान जागरुकता गोष्ठी विकासखंड चंडौस के ग्राम एलमपुर में आयोजित गोष्ठी में कहा कि उप्र में बासमती चावल का उत्पादन बहुत बड़े क्षेत्र में किया जाता है. मगर, उत्पादन के अनुपात में निर्यात कम है. प्रदेश के 30 जिलों को बासमती चावल के लिए जीआई टैग मिला हुआ है. किसान निर्यात योग्य बासमती धान को उपजाएं.
इस दौरान अजय भलोटिया, सीडीओ आकांक्षा राणा, एडीएम प्रशासन पंकज कुमार, उप निदेशक उद्यान डा. मुकेश कुमार, उप निदेशक कृषि यशराज सिंह, जिला कृषि अधिकारी अभिनंदन सिंह, डीएचओ डा. धीरेंद्र सिंह, डीपीआरओ धनंजय जायसवाल आदि थे.
जल संरक्षण का रखें ध्यान: मंडलायुक्त नवदीप रिणवा ने कहा किसान पर्यावरण एवं जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए मानक के अनुसार फसल उगा कर अधिक से अधिक लाभ कमाएं. डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने बताया गया कि बासमती धान की खेती एक लंबे समय से होती आ रही है. हरित क्रांति के बाद भारत में खाद्यान्न की आत्म निर्भरता, बासमती धान की विश्व में मांग और निर्यात को ध्यान में रखते हुए इस की वैज्ञानिक खेती काफी महत्वपूर्ण हो गई है.