बरेली। ऑटो चालक ने दोनाली बंदूक से गले में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना के समय उसके दोनों बेटे घर में सो रहे थे, जबकि अन्य लोग बाहर गए थे। चालक का दो साल से निजी मानसिक अस्पताल में इलाज चल रहा था।
बारादरी थाना क्षेत्र के मोहल्ला चंद्रगुप्तपुरम निवासी प्रियांशु मिश्रा ने बताया कि उनके पिता सुशील मिश्रा (50) तीन वर्ष पहले ऑटो चलाते थे। दो वर्ष से वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगे थे, तब से उनका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा था। बुधवार शाम 6 बजे के करीब वह और उनका बड़ा भाई घर में सो रहे थे।
जबकि मां सीमा और बहन दीक्षा बाहर घूमने गए थे। इसी दौरान उनके पिता कमरे से उठे और उन्होंने अपनी लाइसेंसी बंदूक को गले पर रखकर गोली चला दी। गोली चलने की आवाज पर दोनों भाई नींद से जागे और बरामदे की ओर आए, तो देखा कि पिता का शव फर्श पड़ा था और बंदूक भी पड़ी थी। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
सूचना पर एसआई रामरतन सिंह, दुष्यंत त्यागी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। रामरतन सिंह ने बताया कि सुशील मिश्रा मानसिक रूप से परेशान थे, जिस वजह से उन्होंने गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। बंदूक को कब्जे में ले लिया है। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि सुशील मिश्रा अंधविश्वास में भी भरोसा रखते थे। इसलिए कई ताबीज भी पहने हुए थे। उनके दोनों बेटे निजी अस्पतालों में कार्य करते हैं।