कक्षा नौ की छात्रा को यमुना में फेंककर उसकी हत्या का प्रयास

हत्या का प्रयास

Update: 2024-02-16 07:08 GMT

आगरा: बमरौली कटारा स्थित समोगर घाट पुल से रात कक्षा नौ की छात्रा को यमुना में फेंककर उसकी हत्या का प्रयास हुआ. आरोप है कि पिता और फूफा ने वारदात को अंजाम दिया. दोनों उसे मरा समझकर भाग गए. गोताखोरों ने किशोरी को बचा लिया. किशोरी की तहरीर पर पिता और फूफा के खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा के तहत मुकदमा लिखा गया है. बताया जा रहा है कि किशोरी की एक युवक से दोस्ती के चलते घरवाले उससे नाराज चल रहे हैं. एक महीने से किशोरी एटा स्थित अपनी ननिहाल में रह रही थी.

घटना रात करीब साढ़े नौ बजे की है. समोगर घाट पुल के नीचे कुछ गोताखोर मौजूद थे. उन्हें तेज आवाज सुनाई पड़ी. हिम्मत करके वे नदी में कूद गए. एक किशोरी को पुल से नीचे फेंका गया था. गोताखोरों ने उसे बचा लिया. सूचना पर बमरौली कटारा थाना पुलिस मौके पर पहुंची. किशोरी को पहले हॉस्पिटल भेजा गया. इसकी जानकारी बाल कल्याण समिति को दी गई. बाल कल्याण समिति के आदेश पर किशोरी को आशा ज्योति केंद्र लाया गया. काउंसलर ने उससे बातचीत की. किशोरी पहले बहुत सहमी हुई थी. कुछ बताने को तैयार नहीं थी. बाद में पुलिस को बताया कि उसके पिता का नाम राजेश कुमार है. वह हीरापुरा, अकबराबाद (अलीगढ़) की निवासी है. चार भाई-बहन हैं. उसकी एक लड़के से दोस्ती है. पांच जनवरी को यह जानकारी घरवालों को हो गई. उन्होंने गुस्से में उसे नानी के घर एटा भेज दिया. वह नानी के घर रह रही थी. शाम को पिता बाइक से नानी के घर आए थे. उससे साथ चलने को कहा. रास्ते में फिरोजाबाद निवासी फूफा सतीश भी मिल गए. पिता ने उन्हें भी बाइक पर बैठा लिया. उससे कहा कि गुरुग्राम चल रहे हैं. रास्ते में एक पुल आया. पिता ने बाइक रोक ली. पिता और फूफा ने मिलकर उसे नदी में फेंक दिया.

जबरन शादी कराना चाहते थे घरवाले

किशोरी ने पुलिस को बताया कि उसकी दोस्ती के बारे में पता चलने पर घरवाले आग-बबूला हो गए थे. जबरन उसकी एक जगह शादी कराना चाहते थे. इसलिए उसे नानी के घर भेजा था. पुलिस ने बताया कि सूचना पर उसके घर से कोई नहीं आया. पुलिस ने घर पर दबिश दी. पिता नहीं मिला.

पिता ने ही बेटी की हत्या का प्रयास किया है. बेटी की तहरीर पर पिता और फूफा को नामजद किया गया है. पुलिस तलाश में दबिश दे रही है. रवि कुमार डीसीपी पूर्वी

पुल से तीन सौ मीटर आगे बह गई थी किशोरी

किशोरी का भाग्य अच्छा था कि जिस समय उसे पुल से नीचे फेंका गया वहां स्थानीय गोताखोर मौजूद थे. मौके पर मौजूद स्थानीय गोताखोर राकेश पुत्र बाबूलाल ने बताया कि उस समय हम पांच गोताखोर मौजूद थे. किशोरी का मफलर से गला दबाकर यमुना नदी में फेंका गया था. किशोरी पीपों के पुल से बहती हुई 200-300 मीटर आगे निकल गई थी. बचाओ-बचाओ की आवाज लगा रही थी. समय रहते उसको बचा लिया गया.

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