ज्ञानवापी : जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा किये जा रहे सर्वेक्षण से संबंधित जानकारी मीडिया से साझा करने पर गुरुवार को रोक लगा दी. उन्होंने यह आदेश 8 अगस्त को मस्जिद पक्ष की ओर से दाखिल अर्जी पर दिया. अपने आदेश में उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया, इंटरनेट मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एएसआई, वादी पक्ष और प्रतिवादी पक्ष की ओर से कोई जानकारी नहीं देने के बावजूद सर्वेक्षण के संबंध में बिना औपचारिक जानकारी के गलत तरीके से कोई खबर प्रकाशित करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई आवश्यक है. कानून के मुताबिक कार्रवाई की जा सकती है. अपने आदेश में जिला जज ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर में चल रहे एएसआई सर्वे की प्रकृति संवेदनशील है. एएसआई, वादी, प्रतिवादी और उनके वकीलों को इस बारे में टिप्पणी करने और सूचित करने का कोई अधिकार नहीं है। एएसआई के अधिकारी भी सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष ही प्रस्तुत करने के लिए बाध्य हैं. सर्वेक्षण के संबंध में प्रिंट, इंटरनेट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को कोई भी जानकारी देना न तो उचित है और न ही कानूनी है। इसलिए सर्वे का काम कर रहे एएसआई के सभी अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे किसी भी मीडिया को कोई भी जानकारी न दें. सर्वे के संबंध में कोई भी जानकारी किसी अन्य व्यक्ति से साझा नहीं करेंगे और रिपोर्ट केवल कोर्ट के समक्ष पेश करेंगे। इसी प्रकार, मामले में वादी और प्रतिवादी और उनके वकील, जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) और अन्य अधिकारियों को भी सर्वेक्षण के संबंध में कोई भी जानकारी मीडिया के साथ साझा नहीं करने का आदेश दिया गया है। मस्जिद पक्ष ने अर्जी दाखिल कर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एएसआई द्वारा कराए जा रहे सर्वे पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा था कि मीडिया के एक वर्ग ने गलत खबरें प्रसारित और प्रकाशित की हैं. इस पर बुधवार को जिला जज की अदालत में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी. दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.