ज्ञानवापी के वीडियो में दीवारों पर कलाकृतियां और त्रिशूल के चिह्न मिले, नंदी महाराज से 20 कदम की दूरी पर है शिवलिंग
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ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग का सच क्या है? ज्ञानवापी में तहखाने की हकीकत क्या है? ज्ञानवापी में वजूखाना का राज क्या है? ज्ञानवापी से जुड़े वीडियो अभी तक आप टुकड़ों में देखते रहे हैं. वीडियो में शिवलिंग के ऊपर सीमेंट रखा गया है जिसे टुकड़ों में काटा गया है. देखकर ऐसा लगता है, शिवलिंग को क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की गई. इसमें बीच से छेद करने की कोशिश की गई. हिंदू पक्ष का दावा है कि हमारे आराध्य देव को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है.
सबसे पहले टीम अंदर पहुंची तो उसने पानी वाले हिस्से में से पानी निकलवाया. पानी कुछ कम हुआ तो शिवलिंग का कुछ हिस्सा दिखा. पानी और कम हुआ तो अंदर शिवलिंग जैसी आकृति दिखी जिसके बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया कि ये शिवलिंग है और यहां हमें पूजा का अधिकार मिले. वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ये शिवलिंग नहीं फव्वारा है. फिलहाल मामला कोर्ट में है और मामले में लगातार सुनवाई हो रही है.
मुस्लिम पक्ष का दावा कि ये फव्वारा है, जवाब में हरिशंकर जैन ने कहा कि ये फव्वारा कैसे हो सकता है, इसमें पानी कहां से आता है. मुस्लिम पक्ष के सारे दावे हवा-हवाई हैं. ये पाप को छिपाने की कोशिश की गई है. अंदर शिवलिंग जैसे दिख रही आकृति की ऊंचाई 58 सेंटीमीटर है, उन्होंने कहा कि अंदर करीब ढ़ाई इंच का सुराख भी मिला है जिसे देखकर पता चलता है कि शिवलिंग को खंडित करने की कोशिश की गई है.
शिवलिंग की आकृति के ठीक सामने हैं नंदी महाराज
वीडियो में दिख रहा है कि नंदी महाराज के ठीक सामने मस्जिद वाले हिस्से में करीब 20 कदम पर टीनशेड के नीचे शिवलिंग वाली आकृति है जहां पानी भरा हुआ था और यही वो जगह है जहां मुस्लिम समाज के लोग वुजू किया करते थे. नंदी बाबा से शिवलिंग जैसी आकृति की दूरी सिर्फ 83 फीट की है.
वहीं मस्जिद के पश्चिमी दीवार की भी तस्वीरें वीडियो में दिख रही हैं जिस पर कई ऐसे नक्काशी हैं जिसे देखकर दावा किया जा सकता है कि ये मंदिर रहा था. दीवारों पर त्रिशूल के अलावा स्वास्तिक का भी निशान है. बता दें कि इस वीडियो को लेकर मुस्लिम पक्ष अपील कर रहा था कि ये वीडियो बाहर नहीं आने चाहिए लेकिन कोर्ट की ओर से दोनों पक्षों को ये वीडियो दे दिया गया है जो आजतक के पास एक्सक्लूसिव है.