अर्जेंटीना की 30 सदस्य टीम ने किया हस्तिनापुर का भ्रमण, प्राचीन मंदिरों के इतिहास की ली जानकारी
हस्तिनापुर: अर्जेंटीना से हस्तिनापुर की पौराणिकता के बारे में विस्तार से जानकारी लेने के लिए विदेशियों ने हस्तिनापुर तीर्थ नगरी का भ्रमण किया। उक्त टीम गीता, वेदों व महाभारत पर शोध कर रही है। हस्तिनापुर की ऐतिहासिक धरा से रूबरू होने व जानने के लिए यहां पहुंचे, जिससे वे हस्तिनापुर की महाभारत कालीन स्थलों को नजदीक से जान सके और उनके इतिहास से रूबरू हो सके।
30 सदस्य टीम गुरुवार को महाभारत कालीन तीर्थ नगरी हस्तिनापुर पहुंची। उन्होंने सर्वप्रथम प्राचीन पांडेश्वर मंदिर, पांडव टीला, अमृत कूप, राजा रघुनाथ महल व कर्ण मंदिर पहुंचे और उनके इतिहास के बारे में जानकारी की। टीम ने उस स्थान का भी भ्रमण किया, जहां वर्ष 1950-52 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा उत्खनन कराया गया था। टीम का नेतृत्व कर रही ल्यूसिया ने बताया कि इस टीम में विधि संकाय, मेडिटेशन, योगा एवं फिलोस्फी के प्रोफेसर शामिल थे।
ल्यूसिया ने बताया कि वे महाभारत ग्रंथ व श्रीमद् भागवत गीता से बहुत लगाव रखते है तथा उसके बारे में विस्तार से जानकारी भी प्राप्त करना चाहते हैं। उन्होंने यहां की संस्कृति के बारे में बताया कि भारतीय संस्कृति बहुत उत्तम है और यहां का पर्यावरण भी बहुत हरा भरा है। जिससे यहां की अनुपमता अनूठी है। इसके अलावा जैन मंदिरों की अनूठी आकृतियों ने उन्हें बहुत लुभाया है। जिसमें अष्टापद मंदिर, जंबूद्वीप, कैलाश पर्वत आदि है।
वहीं प्राचीन पांडेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित पौराणिक शिवलिंग भी दर्शनीय है। जिसकी पूजा अर्चना करने से आज वे धन्य हो गए। समस्त महाभारत कालीन ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण शोभित यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रियंक भारती ने कराया था इतिहास के बारे में जानकारी दी। टीम में सरक्यू, क्यूज, रूबैन, विंद्रा, मानासिया, ब्रिखिनिया, मर्तीन, सेरेलिया आदि रहें।
जैन मंदिरों को किया बारिकी से भ्रमण:
अर्जेंटीना से महाभारत कालीन तीर्थ नगरी हस्तिनापुर पहुंची तीस सदस्य टीम ने गुरुवार को महाभारत कालीन स्थलों के भ्रमण के साथ जैन तीर्थ नगरी स्थित मंदिरों को भी भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान उन्होने जैन धर्म ग्रंथों के बारे में जानकारी ली साथ ही अष्टपद, प्राचीन बड़ा मंदिर, जम्बुद्वीप आदि स्थलों को भी भ्रमण किया और उनके बारे में जानकारी ली।