विजुअल आर्ट्स में 37 साल बाद हुई नियुक्ति, तीन विभागों को 61 शिक्षक मिले
विजुअल आर्ट्स विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के चार पदों पर चयन हुआ है। रसायन विज्ञान विभाग में शिक्षकों के 32 पद पर भर्ती की गई है, जिनमें एसोसिएट प्रोफेसर के तीन और असिस्टेंट प्रोफेसर के 29 पद शामिल हैं।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के विजुअल आर्ट्स विभाग में 37 साल बाद शिक्षकों की नियुक्तियां हुईं हैं। वहीं, भौतिक विज्ञान विभाग को 26 साल और रसायन विज्ञान विभाग को 31 साल बाद शिक्षक मिले हैं। सोमवार को इविवि की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई कार्य परिषद की बैठक में इन तीनों विभागों में शिक्षकों के 61 पदों पर भर्ती का लिफाफा खोला गया।
विजुअल आर्ट्स विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के चार पदों पर चयन हुआ है। रसायन विज्ञान विभाग में शिक्षकों के 32 पद पर भर्ती की गई है, जिनमें एसोसिएट प्रोफेसर के तीन और असिस्टेंट प्रोफेसर के 29 पद शामिल हैं। इसके अलावा भौतिक विज्ञान विभाग को मिले 25 नए शिक्षकों में दो प्रोफेसर, पांच एसोसिएट प्रोफेसर और 18 असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल हैं।
विजुअल आर्ट्स विभाग अब तक केवल एक शिक्षक, प्रो. अजय जैतली के भरोसे था। अब विभाग में पांच स्थायी शिक्षक हो जाएंगे। रसायन विज्ञान विभाग में केवल छह शिक्षक थे। उनमें से भी एक शिक्षक प्रो. आरकेपी सिंह डॉ. शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। विभाग की कक्षाएं केवल पांच शिक्षकों के भरोसे चल रहीं थीं। एनालिटिकल और फिजिकल में कोई शिक्षक नहीं था। इन ऑर्गेनिक में केवल एक और ऑर्गेनिक केमेस्ट्री में केवल तीन शिक्षक थे। भौतिक विज्ञान विभाग में भी केवल आठ शिक्षक थे।
शिक्षक-छात्र अनुपात के साथ सुधरेगी रैंकिंग
इविवि में नए शिक्षकों की नियुक्ति होने से शिक्षक-छात्र अनुपात के साथ विश्वविद्यालय की एनआईआरएफ रैंकिंग सुधरने की उम्मीद भी बढ़ी है। इस बार इविवि एनआईआरएफ रैंकिंग में टॉप 200 शिक्षण संस्थानों में भी जगह नहीं बना सका। शिक्षक-छात्र अनुपात सुधरने के साथ ही नए शिक्षकों के आने से शोध पत्रों के प्रकाश की संख्या तेजी से बढ़ेगी। कक्षाओं का संचालन नियमित रूप से हो सकेगा, शोध में तेजी आएगी और छात्रों को भी बेहतर गाइडेंस मिलेगा। विश्वविद्यालय में पिछले सात महीनों के दौरान 14 विषयों में 164 नियुक्तियां की गईं हैं।
कई नए शिक्षकों को विश्वस्तरीय फेलोशिप
इविवि में जिन नए शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, उनमें से अधिकतर ने आईआईटी एवं एनआईटी जैसे संस्थानों से अपनी शिक्षा पूरी की है। विश्वविद्यालय की पीआरओ डॉ. जया कपूर के अनुसार कई नवनियुक्त शिक्षकों को रामानुजन एवं हमबोल्डट जैसी विश्वस्तरीय फेलोशिप मिली है और अमेरिका, जर्मनी, कोरिया, जापान, सिंगापुर, थाईलैंड, आयरलैंड, फ्रांस एवं यूके के सर्वोत्तम संस्थानों में कार्यरत रहे हैं। ये शिक्षक अपने विषयों के नवीनतम क्षेत्रों में शोध कर रहे हैं।