डीआईजी से लगाई गुहार, पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप नाबालिग बेटी की बरामदगी के लिए पिता ने
गांव देवीपुरा के ग्रामीण ने थाना समाधान दिवस में जनसमस्याएं सुन रहे डीआईजी शलभ माथुर व एसपी ट्रैफिक अशोक कुमार को पत्र देकर 13 महीने पहले अपह्त की गई नाबालिग बेटी की बरामदगी की गुहार लगाई है।
थाना क्षेत्र के गांव देवीपुरा निवासी ग्रामीण की 15 वर्षीय बेटी का 23 जुलाई 21 को कॉलेज से घर लौटते समय अपहरण कर लिया गया था। पीड़ित का आरोप है कि गांव बीजना के दबंग युवकों ने बेटी का अपहरण के बाद उसकी हत्या कर दी या बालिग होने तक उसे कहीं छिपा कर रखे हुए हैं। ग्रामीण का कहना है कि घटना के दिन महिला सहित आठ युवकों के खिलाफ नाबालिग बेटी को बहला फुसलाकर भगा ले जाने के आरोप में तहरीर देकर कार्रवाई करने की मांग की थी। पुलिस ने चार दिनों तक टकराने के बाद 27 जुलाई को मात्र तीन युवकों के खिलाफ अपहरण के आरोप में केस दर्ज किया था। दो आरोपियों सुमित कुमार और विपिन कुमार को गिरफ्तार कर चालान कर दिया। तीसरे आरोपी विक्की ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था।
आरोप है कि पुलिस ने विक्की को रिमांड पर लेकर पूछताछ तक नहीं की। तीनों आरोपी एक वर्ष से जेल में बंद हैं। लेकिन, पुलिस बेटी की बरामदगी नहीं कर रही है। इसके चलते जेल में बंद आरोपियों के संबंध गवाहों पर दबाव डालकर व धन का लालच देकर अदालत में अपने हक में गवाही देने को मजबूर कर रहे हैं। पीड़ित ने पुलिस पर भी अपहरणकर्ताओं से हमसाज होने का आरोप लगाया है। डीआईजी ने पीड़ित को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
उधर, पीड़ित ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी बेटी की बरामदगी को लेकर रिट याचिका दायर की है। न्यायालय ने थानाध्यक्ष सुनील कुमार, उप निरीक्षक अफजाल अहमद, इंस्पेक्टर अपराध शाखा मेघराज सिंह व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल को अदालत में तलब कर किशोरी की बरामदगी नहीं होने पर नाराजगी जताई है।
न्यूज़ क्रेडिट: अमृतविचार