बरेली न्यूज़: बलवा, मारपीट, तोड़फोड़ और जानलेवा हमले के करीब छह वर्ष पुराने मामले में गैरहाजिर चल रहे पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार और उनके समर्थकों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट ने पूर्व मंत्री, उनके भाई समेत 10 समर्थकों को अग्रिम जमानत पर रिहा करने से साफ इनकार कर दिया. कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जियों को खारिज कर दिया.
विशेष लोक अभियोजक एमपी-एमएलए अचिंत द्विवेदी ने बताया कि तेजराम ने कोतवाली नवाबगंज में पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार और उनके साथियों के खिलाफ बलवा, मारपीट, तोड़फोड़ और जानलेवा हमले की एफआईआर दर्ज करायी थी. आरोप है कि 14 फरवरी 2017 को तेजराम अपने साथी महेंद्र गंगवार एडवोकेट के साथ कार से जा रहे थे. सुबह पौने नौ बजे पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार अपने काफिले के साथ आ गये. भगवत के भाई योगेंद्र गंगवार और उनके समर्थकों ने नाजायज हथियार, डंडे, हॉकी, रॉड और बांके से जानलेवा हमला कर पूर्व विधायक केसर सिंह के सर्मथक महेंद्र गंगवार को घायल कर दिया था. इस केस में भगवत सरन गंगवार और उनके साथी गैरहाजिर चल रहे हैं. विशेष कोर्ट ने पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार और उनके साथियों की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी कर दिये हैं. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार, उनके भाई योगेंद्र गंगवार, ब्लॉक प्रमुख विनोद दिवाकर और ब्लॉक प्रमुख पुरुषोत्तम गंगवार समेत दस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जारी वारंट निरस्त करने की अर्जी दी. एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट के जज देवाशीष की विशेष कोर्ट ने बीते वर्ष 17 दिसंबर को पूर्व मंत्री व उनके साथियों को गिरफ्तार करने के आदेश दिये थे.