जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म
गोरखपुर जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) खत्म हो गए है। इसकी वजह प्रतिदिन 150 से अधिक से मरीज लौट रहे हैं।
गोरखपुर जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) खत्म हो गए है। इसकी वजह प्रतिदिन 150 से अधिक से मरीज लौट रहे हैं। कुत्ता, बिल्ली, बंदर काटने पर एआरवी मरीजों को लगाई जाती है। अब मरीज निजी अस्पतालों में महंगे दामों पर लगवा रहे हैं जानकारी के मुताबिक, जिले में एंटी रेबीज वैक्सीन की किल्लत है। सीएचसी-पीएचसी पर वैक्सीन लग नहीं रही है। इसकी वजह से सबसे अधिक भीड़ जिला अस्पताल में हो रही है।
रविवार को इमरजेंसी में एआरवी लगवाने पहुंचे राम प्रसाद ने बताया कि उन्हें दो बार कुत्ते ने काट लिया। एआरवी जिला अस्पताल में नहीं मिली। मजबूरी में निजी अस्पताल में वैक्सीन लगवानी पड़ी। बताया जा रहा है कि वैक्सीन चार दिनों से खत्म है। इसके लिए शासन को डिमांड भेजी गई है।
डेढ़ महीने में 1,400 वायल हो गए खत्म
गोरखपुर जिला अस्पताल में काफी संख्या में लोग एआरवी लगवाने पहुंचते हैं। उमस भरी गर्मी के बीच जिले में कुत्तों के काटने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पिछले डेढ़ माह की बात करें तो 1,400 वायल मरीजों को लगाए गए हैं। एक वायल में पांच लोगों को वैक्सीन लगाई जाती है।
इंसान के काटने पर भी लगवाएं एआरवी
जिला अस्पताल के फिजिशियन राजेश कुमार ने बताया कि रैबीज केवल पशुओं के काटने से ही नहीं फैलता है। अगर इंसान भी किसी को काटते हैं और उसके लार या फिर उसके खून इंसान के संपर्क में आते हैं, तो ऐसे लोगों को भी एआरवी लगवाने चाहिए। जबकि, अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर जाते हैं।
एआरवी खत्म हो गई है। लखनऊ डिमांड भेजी गई है। साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को भी इसकी सूचना दी गई है। लखनऊ से दो से तीन दिनों के अंदर मिलने की उम्मीद है। - डॉ. अंबुज श्रीवास्तव, चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल