उत्तरप्रदेश : एम्स की साइबर सुरक्षा पर एक बार फिर से अटैक हुआ है। हालांकि इस बार नुकसान नहीं कर पाए और देर शाम तक सेवाओं को फिर से शुरू किया जा सका। एम्स से मिली जानकारी के अनुसार दोपहर 2:50 बजे एम्स के साइबर सुरक्षा पर मैलवेयर अटैक हुआ। इस अटैक को एम्स में तैनात साइबर सुरक्षा प्रणालियों से इस प्रयास को सफलतापूर्वक विफल कर दिया गया।
एम्स की ई-हॉस्पिटल सेवाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं और सामान्य रूप से काम कर रही हैं। हालांकि इस घटना के बाद कुछ देर के लिए सेवाएं प्रभावित जरूर हुई।
बता दें कि करीब छह माह पहले एम्स में साइबर अटैक हुआ था जिससे सारी सेवाएं प्रभावित हो गई थी। लंबे समय के बाद एम्स से अपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत किया और धीरे-धीरे फिर से सेवाओं को सामान्य किया।
पेपर लीक मामले में जांच शुरू
एम्स ने नर्सिंग अधिकारी पेपर लीक मामले में जांच शुरू कर दी है। देशभर के एम्स सहित अन्य अस्पतालों के लिए तीन हजार से अधिक नर्स अधिकारियों के पदों की भर्ती के लिए तीन जून को परीक्षा हुई थी। इस परीक्षा के पेपर वायरल हुए जिसके बाद परीक्षा देने वाले छात्रों ने पेपर लीक होने का आरोप लगाया। इस परीक्षा में एक लाख 10 हजार अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था।
एम्स के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि यह सही है कि सोशल मीडिया पर परीक्षा होने के दो दिन बाद वायरल हुए प्रश्नपत्र उसी परीक्षा के थे लेकिन अभी हम यह नहीं कह सकते कि पेपर लीक हुआ है। हालांकि उन्होंने कहा कि प्रश्नपत्र बाहर आना भी चूक है तो ऐसे में हम इसकी जांच कर रहे हैं।
एम्स प्रशासन ने सभी परीक्षा केंद्रों से आया डाटा एकत्र करना शुरू कर दिया है और परीक्षा केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज भी मंगवाई गई हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि परीक्षा के स्क्रीनशॉट वायरल होने के मामले में एम्स की टीम ने मंगलवार को सीबीआई के अधिकारियों से मुलाकात की। सूत्रों का कहना है कि अभी सिर्फ सलाह मांगी गई है। एम्स अपनी जांच पूरा होने पर मामला दर्ज कराएगा।