रास्ते में फंसने के बाद नहीं भाग पाया अनिल दुजाना

Update: 2023-05-08 07:22 GMT

इलाहाबाद न्यूज़: मेरठ के जानी गंगनहर के सुनसान इलाके से होकर कुख्यात अनिल दुजाना दोपहर तीन बजे मुजफ्फरनगर जा रहा था. ये वो रास्ता है, जहां मेरठ और बागपत का बॉर्डर है. दुजाना को अहसास नहीं था कि उसके मूवमेंट की जानकारी एसटीएफ को मिल चुकी है और घेराबंदी की गई है. भोला झाल के पास खुद को घिरता देख दुजाना टीम पर स्कॉर्पियो चढ़ाने का प्रयास करते हुए निकल भागा, मगर आगे बंद रास्ते पर फंस गया. यहीं पर इस दुर्दांत अपराधी का खेल एसटीएफ ने खत्म कर दिया.

अनिल दुजाना के पीछे मेरठ और नोएडा एसटीएफ की सात टीमें पिछले करीब 15 दिनों से लगी थी. लखनऊ से भी सख्त निर्देश के बाद करीब 30 जगहों पर छापेमारी हो चुकी थी. दोपहर 12 बजे एसटीएफ मेरठ को सूचना मिली कि अनिल दुजाना मेरठ और बागपत जिले की सीमा में घूम रहा है. पता चला कि मुजफ्फरनगर में अपने साथियों से मिलने जा रहा है और किसी की हत्या की भी प्लानिंग है. एसटीएफ के मुखबिर ने सटीक सूचना दी कि दुजाना अकेला है और गंगनहर से होते हुए मुजफ्फरनगर जाएगा. इसके बाद पांच टीमों को घेराबंदी में लगाया गया.

एसटीएफ टीम पर स्कॉर्पियो चढ़ाने का प्रयास एसटीएफ ने अनिल दुजाना की स्कॉर्पियो को दोपहर को ट्रेस कर लिया और पीछा करते हुए भोला झाल पर घेराबंदी कर दी. दुजाना ने यहां एसटीएफ टीम पर स्कॉर्पियो चढ़ाने का प्रयास किया और सतवाई गांव की ओर गाड़ी दौड़ा दी. इस दौरान उसने एसटीएफ टीम पर गोलीबारी कर दी, लेकिन गोलियां शीशे में जाकर लगी. उसने स्कार्पियो को एक रास्ते पर मोड़कर फरारी का प्रयास किया, लेकिन रास्ता बंद देखकर वह गाड़ी छोड़कर खेत में फरार होने का प्रयास किया.

एसटीएफ पर अंधाधुंध फायरिंग दुजाना ने खुद को बचाने के लिए एसटीएफ टीम पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी. करीब 10 से 12 राउंड गोलियां चलाईं. जवाबी कार्रवाई में दोपहर करीब तीन बजे दुजाना को एसटीएफ की एक गोली सीने में और एक गोली सिर में लगी. एक गोली कमरे में भी बताई जा रही है.

गैंग की कमाई का हिसाब रखने वालों का खुलासा

एसटीएफ के अनुसार अनिल दुजाना विवादित संपत्तियों के विवादों में धन वसूली करता था. इसमें शहजाद मामा और चंद्रपाल बंबावड़ उसके सहयोगी थे. शहजाद मामा से पैसे के बंटवारे को लेकर उसकी नाराजगी चल रही थी. बादलपुर कस्बे में दुजाना के लिए तहबाजारी की वसूली बिल्लू दुजाना करता था. इस पैसे की बेईमानी को लेकर अनिल से बिल्लू की अनबन हो गई थी. रवि काना के माध्यम से वह अवैध खनन, सरिया और स्क्रैप के कारोबार से भी गौतमबुद्धनगर जिले में जुड़ा था. उसका हिसाब-किताब संभालने वालों में चन्द्रपाल प्रधान निवासी गांव बम्बावड़, मनोज सरपंच, रणपाल दुजाना, अनुज, बबलू, खिज्जू, हरेन्द्र प्रधान, शालू, सुनील के नाम का खुलासा किया है.

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