अनिल अवाना की भाजपा में हुई वापसी

समर्थकों के साथ लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की

Update: 2024-03-02 07:08 GMT

नोएडा: बसपा सुप्रीमो मायावती के करीबी रहे पूर्व एमएलसी अनिल अवाना ने साल बाद भाजपा में वापिसी की है. उन्होंने समर्थकों के साथ लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.

अनिल अवाना बसपा शासनकाल में मंत्री रहे सतीश अवाना के भाई हैं. इस परिवार को बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्षा मायावती का करीबी माना जाता है. अनिल अवाना वर्ष 90 से वर्ष 00 तक भाजपा में रहे थे. वर्ष 00 में महानगर अध्यक्ष पद को लेकर हुए विवाद के बाद वह बसपा में चले गए थे. बसपा में पार्टी सुप्रीमो से मिले आशीर्वाद के बाद उनका सियासी कद बढ़ गया था. लेकिन वर्ष 17 में नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बसपा से कांग्रेस में जाने के दौरान वह भी उनके साथ ही बसपा को छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे. तभी से कांग्रेस में थे. लेकिन अब उन्होंने फिर से भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है, जिसको लेकर अनेक प्रकार की चर्चाएं भी हैं. हालांकि अनिल अवाना का कहना है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों से प्रभावित हैं. अनिल अवाना के भाजपा में आने से जिले में पार्टी की अंदरुनी सियासत भी तेज होने की संभावना है. उधर, फोनरवा के अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है.

अधिकारी का एक दिन का वेतन काटा

कलेक्ट्रेट पर आयोजित सीएम डैशबोर्ड की बैठक में अनुपस्थित होने पर जिलाधिकारी मनीष कुमार ने अर्थ एवं सांख्यिकी अधिकारी शिवराज सिंह का एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया.

डीएम ने सीएम डेशबोर्ड पर जिले के खराब प्रदर्शन पर अधिकारियों के साथ बैठक ली थी. उन्होंने अफसरों को विकास कार्यों व राजस्व से जुड़ी जानकारी समय पर पोर्टल पर फीड करने के आदेश दिए. कहा कि जिन विभागों की रैंकिंग सीएम डैशबोर्ड पर खराब चल रही है, वह शत प्रतिशत डाटा की फीडिंग सुनिश्चित करेंगे ताकि उनकी रैंकिंग में सुधार हो सके. इस बैठक में शिवराज सिंह गैरहाजिर रहे.

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