वाराणसी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन कर हिंदू विरोधी बयानों से हिन्दू समाज में आक्रोश है। देशभर के हिंदू डीएमके नेता के बयानों का विरोध कर रहे हैं। जिसमें उन्होंने हिन्दू धर्म को कोरोना, डेंगू, मलेरिया बताया था। अब वाराणसी में ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ने स्टालिन का विरोध किया है। ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के पदाधिकारियों ने उदयनिधि स्टालिन का प्रतीकात्मक रूप से पुतला फूंका व उन्हें हिजाब व कुल्हाड़ी भेजा। परिषद् के सदस्यों ने उदय निधि स्टालिन का पुतला फूंकते हुए ‘स्टालिन होश में आओ’ और स्टालिन मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
परिषद के संयोजक राजा आनंद ज्योति सिंह ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन के हिंदू विरोधी बयान से हिंदू समाज में रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा था कि हिंदू समाज कोरोना, डेंगू और मलेरिया जैसा है। इसे देखते हुए आज उनका पुतला दहन किया गया है। साथ ही उन्हें बुरका और कुल्हाड़ी भेजा गया है। संयोजक ने आगे कहा कि रावण, बाबर, अकबर, हुमांयू, औरंगजेब सबने सनातन धर्म को मिटाने की कोशिश की। लेकिन कोई भी ख़त्म नहीं कर पाया। इन्हें यदि सनातन धर्म से आपत्ति है, तो ये अकबर और औरंगज़ेब का भी धर्म अपनाएं। इसी के लिए आज कुल्हाड़ी और हिजाब भेजा गया है। ये कुल्हाड़ी से स्वयं अपना खतना करें और फ़िर हिजाब पहनें।