आंगनबाड़ी केन्द्र की सहायिका गेट पर ताला लगाकर दूसरे सेंटर चली गई

आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे गेट के भीतर रोने बिलखने लगे

Update: 2024-04-05 06:25 GMT

मथुरा: नगराम क्षेत्र के समेसी मेला गांव स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र की सहायिका गेट पर ताला लगाकर दूसरे सेंटर चली गई. आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे गेट के भीतर रोने बिलखने लगे.

कई के परिवार के लोग भी पहुंचे, लेकिन गेट पर ताला लगा होने के कारण कुछ नहीं कर सके. बच्चे भी बंद गेट के पीछे आकर खड़े हो गए. इस बीच कुछ लोगों ने आंगनबाड़ी केन्द्र में बंद बच्चों का वीड़ियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. करीब 45 मिनट बाद सहायिका वापस बिस्कुट के पैकेट लेकर लौटी तो लोगों ने राहत की सांस ली.

समेसी मेला गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्यकत्री आशा शर्मा व सहायिका नीलम मौर्य तैनात हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि सहायिका नीलम सुबह करीब 10.30 बजे बच्चों को केन्द्र में बंदकर समेसी कस्बा स्थित दूसरे केंद्र पर चली गईं. केंद्र में बंद बच्चे परेशान हो उठे और गेट के पास आकर रोने लगे. बच्चों को रोता देख लोग वहां जमा हो गए. करीब 45 मिनट बाद सहायिका के वापस लौटने पर केन्द्र के गेट का ताला खुला तब जाकर बच्चे शांत हुए.

सहायिका नीलम मौर्य ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री आशा शर्मा के पास समेसी-प्रथम शंकर खेड़ा स्थित केन्द्र का भी चार्ज है. आशा शर्मा समेसी प्रथम शंखर खेड़ा केंद्र पर थीं. बच्चों की नाप-तौल होती है. इसलिए वह शंकर खेड़ा केंद्र पर तौल मशीन देने गई थी. बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए मुख्य गेट पर ताला बंद कर दिया था. बच्चे कैंपस में ही खेल रहे थे, लेकिन जब उनके परिजन आ गए तो कुछ बच्चे रोने लगे. बच्चों की सुरक्षा भी जरूरी थी और दूसरे केंद्र पर मशीन पहुंचाना भी.

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