अमरमणि-मधुमणि जेल में नहीं करते थे काम; रिहाई के बाद भी मेडिकल कॉलेज में ही हैं पूर्व मंत्री

Update: 2023-08-27 06:30 GMT
कवयित्री मधुमिता हत्याकांड में 18 साल 7 माह की अपरिहार्य सजा के दौरान पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और 17 साल 9 माह की सजा में उनकी पत्नी मधुमणि ने जेल में कोई काम नहीं किया। यही वजह है कि उनका एक रुपया मेहनताना भी नहीं बना है। जेल अधीक्षक दिलीप पांडेय के मुताबिक दंपती बीमार थे। उनकी मेडिकल रिपोर्ट में आराम की बात लिखी थी। दूसरे, वह अधिकांश समय मेडिकल कॉलेज में रहे। इस वजह से उनसे काम नहीं लिया गया।
वहीं, उम्रकैद की सजा काट चुके दंपती रिहाई के बाद भी शनिवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती रहे। माना जा रहा है कि दोनों अभी कुछ दिन और वहीं रहेंगे। पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद ही डॉक्टरों की सलाह पर घर जाएंगे।
सजा होने के बाद जेल जाने पर कैदियों से कोई न कोई काम कराया जाता है। नियमानुसार इसके लिए उन्हें पारिश्रमिक भी मिलता है। रकम उनके खाते में जाती है। लेकिन, अमरमणि व उनकी पत्नी सजा का अधिकांश समय मेडिकल कॉलेज में ही रहे। जब कभी जेल में भी रहे तो डाॅक्टरों की सलाह पर उनसे कोई काम नहीं लिया गया।
रिहाई के बाद भी मेडिकल कॉलेज में ही हैं पूर्व मंत्री अमरमणि
अनिद्रा, तनाव समेत कई बीमारियों से जूझ रहे पूर्व मंत्री अमरमणि शुक्रवार को जेल से रिहा होने के बाद भी अभी बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राइवेट वार्ड में ही हैं। शनिवार को पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी के स्वास्थ्य जांच की चर्चा थी, लेकिन दोपहर तक कोई डॉक्टर वार्ड में नहीं गया। हालांकि, इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन कुछ भी कहने से कतरा रहा है।
शुक्रवार की देर शाम रिहाई के बाद चर्चा थी कि वे अपने गांव जाएंगे। लेकिन शनिवार को भी प्राइवेट वार्ड में ही रुके थे। बताया रहा है कि अभी वे डॉक्टरों की निगरानी में हैं, लिहाजा चिकित्सकीय जांच के बाद भी उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलेगी। शनिवार को प्राइवेट वार्ड के बाहर दिन भर सन्नाटा रहा। पूर्व मंत्री से मिलने वालों को यहां आने से मना किया गया है। मनाही की वजह कोई भी शख्स उनसे मिलने नहीं पहुंचा। वार्ड के बाहर बरामदे में उनके निजी सहायक समेत दो तीन लोग ही नजर आए। सामने के हाॅस्टल में रहने वाले मेडिकल छात्रों ने बताया कि शुक्रवार की अपेक्षा शनिवार को वहां कोई हलचल नजर नहीं आई।
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