मेरठ न्यूज़: जागृति विहार एक्सटेंशन के तमाम कब्जा विहीन आवंटियों ने आवास विकास परिषद आॅफिस पर तालाबंदी कर दी तथा धरना देकर बैठ गए। डेढ़ साल से अधिक समय से आवंटियों को कब्जा नहीं देने के विरोध में काले कपड़ा बांधकर कार्यालय पर तालाबंदी की। तालाबंदी कर रहे आवंटियों ने आवास विकास अधिकारियों से नोकझोंक भी हो गई, लेकिन आक्रोशित लोग गेट पर धरना देकर बैठ गए। इस दौरान नौचंदी पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी तथा पुलिस ने आक्रोशित लोगों को शांत किया। शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करें, लेकिन तालाबंदी और बवाल नहीं करें। आवंटी सुशील पटेल ने बताया कि डेढ़ साल से आवंटी कब्जे के लिए आवास विकास कार्यालय व मेरठ के तमाम आला अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, पर आज तक किसी प्रकार से आवंटियों को कोई राहत नहीं मिली। आवास विकास परिषद के साथ-साथ जिला मेरठ का शासन प्रशासन भी आवंटियों के प्रति संवेदनशील नही है और आग में घी डालने काम मेरठ के वो जनप्रतिनिधि कर रहे हैं,
जो चुनाव के समय जनता के बीच नतमस्तक रहते हैं और सारे मामले की जानकारी होते हुए भी अंजान बनकर आवंटियों पर हो रहे अत्याचार पर चुपी साधे बैठे हैं। सुशील पटेल ने बताया अब आवंटियों के सब्र का बांध टूट चुका है अधिकांश आवंटी बर्बाद हो चुके हैं। जबकि मेरठ के इन्ही आवंटियों ने मेरठ के विशेष लोगों को चुन कर विधायक सांसद व मंत्री तक बनाया है और ये सब सत्ता के नशे में आज मेरठ की तमाम जनता को भूले बैठे हैं। आवंटी का साथ ना तो सत्तापक्ष के नेता दे रहे हैं और न ही विपक्ष के नेता। अगर इसी तरह चलता रहा तो बर्बाद हो चुके आवंटी कोई अनैतिक कदम ना उठा लें। तालाबंदी करने वालों में राहुल सक्सैना, चन्द प्रतापसिंह, गुरुदेव सिंह, दिवाकर, धर्मेन्द्र, योगेश कुमार, राजेन्द्र कुमार, संतराम, नटवर लाल, मोहित मित्तल, राजीव परमार, लोकेश गौड़, लवली, ममता, रजनी, मोहित त्यागी, जितेन्द्र कुमार, अंजनी, सरिता आदि उपस्थित रहे।
ये रही मांगे:
23 अगस्त 2022 को दिये गये ज्ञापन का लिखित जवाब तत्काल दिया जाए।
पिछले डेढ़ साल से वास्तविक कब्जो से वंचित आवंटियों को सैकड़ो आश्वासन के वाबजूद कब्जा ना दे पाने के कारण से अवगत कराया जाए।
आवंटियों के भवनों पर कब्जा ना दिलवा पाने में किस विभाग की लापरवाही अधिक है आवास विकास परिषद की या जिला प्रशासन की जिससे आवास विकास परिषद ने कब्जे के लिए फोर्स की मांग की।