Allahabad: छात्र अब सोशल मीडिया की मदद से बाजार की नब्ज टटोलेंगे

Update: 2024-07-29 07:19 GMT

इलाहाबाद: सोशल मीडिया व सोशल नेटवर्किंग के बढ़ते दखल के कारण बाजार, परिवार व समाज में ढेर सारे बदलाव सामने आ रहे हैं. दायरा इतना बढ़ा कि अपने विविध आयामों के कारण यह उच्च तकनीकी शिक्षा का भी अंग बन गया. जी हां, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआईटी) ने एमटेक पाठ्यक्रम में वैकल्पिक विषय के रूप में ‘सोशल नेटवर्क एनालिसिस’ नाम से नए विषय की पढ़ाई शुरू हुई है. इस पाठ्यक्रम के तहत भावी टेक्नोक्रेट्स सोशल मीडिया की मदद से बाजार की नब्ज को टटोलेंगे.

एमटेक आईटी ब्रांच के जहां सभी छात्रों ने ‘सोशल नेटवर्क एनालिसिस’ को वैकल्पिक विषय रूप में चुना है. वहीं, इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन (ईसी) के अधिकांश छात्रों में भी इस विषय पर खासा उत्साह दिखा है. आईटी विभाग के प्रो. वृजेन्द्र सिंह ने बताया कि इसकी मदद से अब चुनावी सर्वे व रुझानों के साथ-साथ राजनीतिक गुणा-गणित, बाजार व अपराध जगत की गतिविधियों का सटीक आकलन किया जा सकेगा. एमटेक में इस वैकल्पिक विषय की पढ़ाई शुरू हुई है और सभी सीटें फुल हो गई हैं.

प्रो. सिंह ने बताया कि सोशल नेटवर्क के एनालिसिस से अपराधियों के नेटवर्क की पहचान की जा सकती है. उनके आपसी लिंक के अध्ययन के सहारे उनकी अपराधिक गतिविधियों व उनमें शामिल लोगों की पहचान की जा सकती है. यह तकनीक पुलिस के लिए भी बेहद उपयोगी साबित होगी.

समाज को मूल्यवान बनाते हैं धर्म ग्रन्थ: नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय में ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आगाज हुआ. मुख्य वक्ता इंदिरा गांधी केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के प्रो. प्रबुद्ध मिश्र ने कहा कि परंपरागत ज्ञान को व्याख्यायित करने की आवश्यकता है. डॉ. श्रुति आनंद ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा स्वयं को जानने की परंपरा है. समाज को स्वस्थ और मूल्यवान बनाने के लिए धर्म ग्रन्थों की उपयोगिता बताई.

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