Allahabad: एमवोक इन मीडिया स्टडीज में भी नए विषयों को शामिल किया गया
एमवोक में छात्र पढ़ेंगे मीडिया रिसर्च
उत्तरप्रदेश: यह पाठ्यक्रम रिसर्च को प्राथमिकता दी गई. इसमें विद्यार्थियों को मीडिया रिसर्च का पेपर अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा. विभिन्न जन माध्यमों के सामाजिक और मवैज्ञानिक पहलुओं और प्रभावों पर शोध किए जाने पर जोर होगा. इसका उद्देश्य विभिन्न जन माध्यमों से संबंधित जानकारी प्राप्त करना है जैसे कि लोग किसी विशेष माध्यम पर कितना समय बिताते हैं, समाज पर विभिन्न माध्यमों के प्रभाव, सूचना की सामग्री और प्रस्तुति या दर्शकों के लिए कार्यक्रमों की प्रभावशीलता आदि. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (आईपीएस) के अंतर्गत संचालित सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से पत्रकारिता करने वाले छात्र-छात्राएं अब मीडिया उद्यमिता और वेब जर्नलिज्म की भी पढ़ाई कर सकेंगे. विश्वविद्यालय प्रशासन ने पत्रकारिता कोर्स को संशोधित कर दिया है. इस संशोधित पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) को केंद्र में रखकर डिजाइन किया गया है. पाठ्यक्रम के संचालन को विद्वत एवं कार्य परिषद ने मंजूरी दे दी है. संशोधित पाठ्यक्रम के तहत शैक्षकि सत्र 2024-25 में पढ़ाई होगी.
कोर्स समन्वयक डॉ. धनंजय चोपड़ा ने बताया कि सेंटर में तीन वर्षीय बीए इन मीडिया स्टडीज में 58, बीवोक इन मीडिया प्रोडेक्शन में 50 और दो वर्षीय एमवोक इन मीडिया स्टडीज में 50 सीटों के सापेक्ष प्रवेश होगा. इसके लिए आवेदन शुरू है. डॉ. चोपड़ा ने बताया कि अब बीए इन मीडिया प्रोडक्शन में मीडिया उद्यमिता और वेब जर्नलिज्म पढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि वेब मीडिया के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं. इस क्षेत्र में युवा पत्रकार एक उद्यमी के रूप में अपना करियर बना सकते हैं. कोरोना संकट ने वेब मीडिया के महत्व को और अधिक प्रतिपादित कर दिया है. पत्रकारिता में अब ‘वर्क फ्रॉम होम’ की संस्कृति विकसित हो रही है. डिजिटल मीडिया में कोई भी व्यक्ति वेबसाइट बनाकर लैपटॉप या फिर मोबाइल से ही काम शुरू कर सकता है. इसमें लागत बहुत कम है. कम पूंजी में वेब मीडिया में उद्यमी बन सकते हैं