उत्तरप्रदेश डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण वाले बुखार के मरीजों की लापरवाही उनके लिए घातक बन रही है. आलम यह है कि लापरवाही की वजह से ही प्लेटलेट्स और ब्लड चढ़ाने की नौबत आ जा रही है. डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू तीन स्टेज से होकर गुजरता है. ऐसे में रोगियों को खास एहतियात बरतने की जरूरत है.
स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में हर दिन 15-20 डेंगू के लक्षण वाले मरीज ओपीडी में दिखाने आ रहे हैं. इन मरीजों में आधे से अधिक इलाज में लापरवाही बरत रहे हैं. जिसकी वजह से उनकी हालत गंभीर हो जा रही है. डॉ अजीत चौरसिया बताते हैं कि डेंगू के पहले चरण में मरीजों को तेज बुखार रहता है. बुखार के छोड़ने के बाद 4-8 दिन क्रिटिकल फेज रहता है. जिसमें तेजी से प्लेटलेट्स गिरती है. इसी बीच खुद को स्वस्थ मानकर कुछ मरीज आराम करने की बजाय कामकाज शुरू कर दे रहे हैं. वह दवाओं का सेवन भी बंद कर दे रहे हैं जिसकी वजह से उनकी हालत गंभीर हो जा रही है.
उन्होंने बताया कि डेंगू या चिकनगुनिया के लक्षण वाले मरीजों को कम से कम 15 दिन तक आराम जरूरी है. बेली अस्पताल के डॉक्टर मंसूर अहमद का कहना है कि क्रिटिकल फेज में हालत गंभीर होने पर मरीजों को प्लेटलेट्स के साथ खून चढ़ाने की नौबत हो जा रही है. उन्होंने कहा कि बिना डॉक्टर परामर्श और जांच के दवा का सेवन करना घातक साबित हो सकता है.