Allahabad: नगर निगम के आवास नोटिस के तीन माह बाद भी खाली नहीं हुए

तीन माह पहले नगर आयुक्त ने अफसरों को निर्देश जारी किया था

Update: 2024-12-11 09:54 GMT

इलाहाबाद: नगर निगम सरकारी आवास नगर आयुक्त के संज्ञान लेने व नोटिस के बाद भी खाली नहीं हुए. तीन माह पहले नगर आयुक्त ने अफसरों को निर्देश जारी किया था कि सरकारी आवास में अवैध रूप से रह रहे लोगों को बाहर किया जाए. इसका ब्योरा तैयार करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक स्थित जस की तस है.

सितंबर 2024 में नगर आयुक्त विनोद कुमार ने सात दिन में पूरी रिपोर्ट तैयार कर पेश करने के निर्देश सहायक नगर आयुक्त को दिए थे. आवासों की गणना तो कर ली गई मगर कार्रवाई सिफर है. गणना में नगर निगम के लगभग 212 क्वार्टर पाए गए हैं. इनमें रह रहे लोगों का सत्यापन तीन महीने से किया जा रहा है. वर्ष 1996 में नगर पालिका से नगर निगम बना था. इसके बाद से अब तक तस्वीर महल चौराहा, बन्नादेवी, जलकल कंपाउंड, किलाटगंज, गूलर रोड, सिविल लाइन थाने के पीछे सराय काबा, जगजीवन कालोनी में बने क्वार्टरों में निगम के सामान्य कर्मचारी, सफाई कर्मचारी व अधिकारी रहते आए हैं. इन क्वार्टरों का किराया भी काफी कम है. इसके चलते लोग इनको छोड़ना नहीं चाह रहे हैं. मेयर प्रशांत सिंघल ने कहा कि क्वार्टरों के किराए में वृद्धि का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा जाएगा.

कूड़ा फेंकने पर होगा चालान: दुकानों के बाहर व्यापारी सड़क किनारे कूड़ा फिर डालने लगे हैं. दीपावली में डस्टबिन रखवाए गए थे और इसमें सुधार हुआ था. लेकिन अब दोबारा कूड़ा सड़क पर डाला जा रहा. अर्बन एनवायरोटेक कंपनी रात में ही दुकानों के बाहर से कूड़ा उठवाएगी. इसके बाद जिसके दुकान के सामने कूड़ा मिलेगा उसका चालान किया जाएगा. नई व्यवस्था के तहत सुबह की जगह अब बाजारों में रात के समय ही कूड़ा निकालकर दुकान के बाहर रखना है. सुबह इस कूड़ा को अर्बन एनवायरोटेक कंपनी के कर्मचारी उठाएंगे. बाजारों में सुबह व शाम दोनों समय कूड़ा उठाने की व्यवस्था बनाई गई है. सुबह कूड़ा उठ जाने के बाद दुकान खोलते हैं तो बाहर ही कूड़ा डाल दिया जाता है. ऐसे प्रतिष्ठानों को अब चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी.

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