Allahabad: प्रयागराज में विकसित होगा औद्योगिक पार्क
शहर को औद्योगिक विकास और बड़ी कंपनियों की औद्योगिक इकाई के लिए भी जाना जाएगा.
इलाहाबाद: शिक्षा, न्याय और साहित्य के लिए पहचानी जाने वाली संगम नगरी की भविष्य में एक और पहचान बनेगी. शहर को औद्योगिक विकास और बड़ी कंपनियों की औद्योगिक इकाई के लिए भी जाना जाएगा. केंद्रीय कैबिनेट ने देश के जिन 12 शहरों को औद्योगिक स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने के लिए चुना है, उसमें प्रयागराज भी शामिल है. औद्योगिक स्मार्ट सिटी से होने वाले लाभ की विस्तृत जानकारी इसकी गाइडलाइन आने के बाद हो सकेगी पर फौरी तौर पर कहा जा रहा है कि इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जिले में औद्योगिक इकाई लगाने के लिए समस्या का सामना नहीं करना होगा, देश के अन्य शहरों की तुलना में यहां औद्योगिक इकाई लगाना आसान होगा.
पहले से दो औद्योगिक गलियारे की चर्चा
प्रयागराज में दो औद्योगिक गलियारा विकसित करने की चर्चा पहले से ही चल रही है. मेरठ और प्रयागराज के बीच निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक क्षेत्र बनाने की घोषणा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने की थी. नीति आयोग के निर्देश पर प्रयागराज, वाराणसी और अन्य सात जिलों को मिलाकर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण बनाने की कवायद भी शुरू हो गई है. इसका उद्देश्य प्रयागराज और आसपास के जिलों में एनसीआर की तर्ज पर विकास और उद्योग विकसित करना है.
तेजी से हो रहा यमुनापार का औद्योगिक विकास
प्रयागराज में औद्योगिक विकास की बात करें तो नजर सीधे यमुनापार की ओर जाती है क्योंकि यह इलाका इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. नैनी में औद्योगिक इकाईयां तो वर्षों पहले से हैं, दो बड़े पॉवर प्लांट भी इसी इलाके में लगे हैं. हाल ही में यहां जेपी ने सीमेंट का उत्पादन शुरू किया है तो इस क्षेत्र में एक और सीमेंट कंपनी अपनी इकाई लगाने के लिए जल्द ही आने वाली है. जॉनसन एण्ड जॉनसन नैनी में टाइल्स बनाने की इकाई लगाने की इच्छुक है तो शंकरगढ़ में शीरा निर्माण इकाई का काम तेजी से चल रहा है. नैनी सरस्वती हाईटेक सिटी में पेप्सी का प्लांट लग रहा है. इस इलाके में कई और बड़े प्रोजेक्ट की चर्चा है. यह इलाका बाहरी उद्यमियों की पहली पसंद है. यूपीसीडा के क्षेत्रीय अधिकारी संतोष कुमार कहते हैं कि उद्यमियों के लिए यमुनापार सबसे बड़े आकर्षण का केंद्र है.
देश के चुनिंदा 20 शहरों में शामिल हुआ प्रयाग
जाहिर है कि यह स्थिति उन निवेशकों और उद्यमियों के लिए मुफीद होगी, जो शहरे संगम में अपनी औद्योगिक इकाई लगाना चाहते हैं. प्लग एंड प्ले की सुविधा का लाभ उठाकर निवेशक और उद्यमी जिले में अपनी इकाई लगा सकेंगे. औद्योगिक इकाईयों में कार्यरत कर्मियों को आवास सहित अन्य सुविधाएं भी आसानी से मिल सकेंगी. अभी यह योजना देश के आठ शहरों में लागू है, 12 और शहरों के साथ प्रयागराज देश के उन 20 शहरों की सूची में शामिल हो गया है, जहां औद्योगिक विकास नियोजित तरीके से किया जाएगा. औरंगबाद में यह योजना पूर्व में चल रही है, वहां विकसित हो रही औद्योगिक स्मार्ट सिटी में 60 फीसदी हिस्सा उद्योग के लिए रखा गया है. शेष 40 फीसदी में आवास, व्यावसायिक, सामाजिक गतिविधियां, संस्थान आदि के लिए स्थान रखा गया है. यदि यही फार्मूला प्रयागराज में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने में लागू होगा तो स्थानीय लोगों के लिए बड़ी सौगात होगी. यहां के युवाओं को शहर में ही रोजगार मिल जाएगा.
औद्योगिक विकास के लिए इस इलाके में पर्याप्त जमीन है. नैनी की बंद पड़ी औद्योगिक इकाईयों की जमीन के साथ ही सरस्वती हाईटेक सिटी में काफी जमीन उपलब्ध है. शंकरगढ़ और कोरांव के पठारी इलाके में भी जमीन की उपलब्धता है. यमुनापार के मेजा में यूपीसीडा को 175 एकड़ जमीन मिली है, जिसे वह प्लॉट लगाने के लिए बेचेगा. इस इलाके के औद्योगिक तौर पर विकसित होने की एक और बड़ी वजह इधर से गुजर रहा डेटिकेटेड फ्रेड कॉरिडोर (डीएफसी) और इस इलाके का दूसरे राज्यों से जुड़ाव भी है. मध्य प्रदेश बिल्कुल सटा हुआ है तो औद्योगिक तौर पर संपन्न झारखंड की राह भी यहां से सुगम है. चित्रकूट और बुंदेलखंड के रास्ते पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी यहां से पहुंच आसान होती है. दो-दो पॉवर प्लांट होने से बिजली की पर्याप्त उपलब्धता भी इस इलाके के विकसित होने की एक बड़ी वजह है.