आशीष मिश्र को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत देदी, हत्या व आपराधिक साजिश की धाराएं जोड़ने का दिया आदेश

कोर्ट ने गत 10 फरवरी को दिए गए जमानत आदेश में तदनुसार संशोधन कर दिया।

Update: 2022-02-14 15:22 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिस्ता वेबडेसक: लखीमपुर खीरी के तिकुनिया हिंसा कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र उर्फ मोनू को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ से जमानत मिलने के बाद रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने सोमवार को आशीष मिश्र को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत देदी, हत्या व आपराधिक साजिश की धाराएं जोड़ने का दिया आदेशका आदेश दिया है। न्यायमूर्ति राजीव सिंह ने यह आदेश अशीष की तरफ से पेश सुधार अर्जी पर दिया। कोर्ट ने गत 10 फरवरी को दिए गए जमानत आदेश में तदनुसार संशोधन कर दिया।

आशीष मिश्र को बीते बृहस्पतिवार को जो जमानत आदेश मिला था उसमें हत्या और साजिश की धाराओं वाले केस में जमानत मंजूर होने का जिक्र नहीं था। ऐसे में उसकी रिहाई में पेंच फंस गया था। इसको लेकर आशीष मिश्रा के वकील शुक्त्रस्वार को फिर कोर्ट पहुंचे थे और बृहस्पतिवार को सुनाए गए जमानत के आदेश में सुधार (करेक्शन) की अर्जी पेश कर इस पर जल्द सुनवाई का आग्रह किया था।
अर्जी पर जस्टिस राजीव सिंह की अदालत ने सोमवार को सुनवाई नियत की थी। संशोधन प्रार्थनापत्र दाखिल किया गया कि जमानत आदेश में धारा 302 (हत्या) और 120 बी (अपराधिक साजिश) की धारा का उल्लेख नहीं है। हालांकि जमानत प्रार्थना पत्र में था। इसलिए आशीष मिश्र के जमानत आदेश को संशोधित कर संबंधित धाराएं भी जोड़ दी जाएं। बीते तीन अक्तूबर को खीरी जिले में उपद्रव के बाद हिंसा में चार किसान सहित आठ लोगों की मौत के मामले में आशीष मिश्र मुख्य आरोपी है। आशीष केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का पुत्र है।


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