Allahabad: हाईकोर्ट बाल कल्याण समिति के चेयरमैन की बर्खास्तगी का आदेश रद्द किया

बर्खास्तगी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की

Update: 2024-08-10 09:06 GMT

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) प्रयागराज के अध्यक्ष डॉ अखिलेश कुमार मिश्र की बर्खास्तगी का आदेश रद्द कर दिया है. कोर्ट ने बर्खास्तगी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि बर्खास्तगी का आदेश बिना किसी विधिक आधार के, मनमाना और दुर्भावनापूर्ण तरीके से पारित किया गया है. बर्खास्तगी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ और न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की खंडपीठ ने यह आदेश दिया.

याची अखिलेश मिश्र का पक्ष रख रही अधिवक्ता सुभाष राठी का कहना था कि जगवंती देवी बालगृह में अंतवासियों के शारीरिक और यौन उत्पीड़न को लेकर गया. इसे लेकर जिलाधिकारी की ओर से गठित दो सदस्य की जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर एक नवंबर 2022 को उनको बर्खास्त कर दिया गया. बर्खास्तगी आदेश पारित करते समय पॉस्को एक्ट के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया. जिसके अनुसार अध्यक्ष के विरुद्ध कार्रवाई शासन की गठित समिति की जांच रिपोर्ट के बाद ही की जा सकती है. याची ने जारी नोटिस का जवाब भी दिया था मगर उस पर विचार नहीं किया गया. उनको जांच रिपोर्ट भी उपलब्ध नहीं कराई गई और न पक्ष सुना गया. हाईकोर्ट ने इस मामले में अखिलेश मिश्र को अंतरिम राहत देते हुए बर्खास्तगी की आदेश पर पहले ही रोक लगा रखी थी. फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि सभी तथ्यों के अवलोकन से स्पष्ट है कि याची के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई है. बर्खास्तगी आदेश पारित करने में ना तो नियमों का पालन किया गया और ना ही याची को उसका पक्ष रखने का अवसर दिया गया.

Tags:    

Similar News

-->