Allahabad: अस्पतालों में टैक्स बचाने के लिए मरीजों की संख्या में हेरफेर की शिकायत
शक के दायरे में कई और बड़े अस्पताल
इलाहाबाद: आयकर विभाग की इस कार्रवाई की जद में शहर के कई और बड़े अस्पताल आ सकते हैं. आयकर विभाग को प्रयागराज के साथ ही वाराणसी और गोरखपुर के कई बड़े निजी अस्पतालों में टैक्स की चोरी किए जाने की शिकायत मिली है. इन शिकायतों में अस्पतालों द्वारा टैक्स चोरी करने के यूं तो कई तरीके बताए गए हैं पर मुख्य तौर पर दो तरीके का जिक्र किया गया है. एक तो मरीजों के परिजनों से नगद राशि लेकर उन्हें पक्का के बजाए कच्चा बिल देना और दूसरी बड़ी शिकायत टैक्स बचाने के लिए अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में हेरफेर किए जाने को लेकर भी है.
सूत्रों का कहना है कि शहर के दो बड़े अस्पतालों का सर्वे कर रही आयकर की टीम ने अस्पताल मंो मरीजों की भर्ती करने, उनके द्वारा खरीदी गई दवा और चिकित्सकों को दिए गए परामर्श सहित अन्य शुल्क से जुड़े दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं. अस्पताल में यह काम जिन कम्प्यूटर और लैपटॉप किया जाता है, उसे भी टीम ने अपने कब्जे में ले लिया है. अस्पताल के एकाउंटेट एवं एकाउंट से जुड़े अन्य कर्मचारियों के मोबाइल भी जब्त कर लिए गए हैं. टैगोर टाउन स्थित जिस अस्पताल में छापेमारी की गई है, उससे शहर के कई बड़े चिकित्सक बतौर निदेशक जुड़े हुए हैं. इन सभी को बुलाकर टीम ने पूछताछ की है.
एएमए के एक पदाधिकारी निशाने पर, हुई छापेमारी
आयकर विभाग की इस जांच में इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी निशाने पर हैं. आयकर टीम ने उनके घर पर भी छापेमारी की है. घर पर टीम को क्या मिला, इस बारे में बहुत जानकारी तो नहीं मिल सकी है पर सूत्रों का कहना है कि आयकर विभाग को टैक्स चोरी की जो शिकायत मिली है, उसमें एएमए के इस चर्चित पदाधिकारी का नाम प्रमुखता से है. खास बात यह है कि इस पदाधिकारी का संबंध उन दोनों अस्पतालों से है, जिनका आयकर विभाग सर्वे कर रहा है. चर्चा इस बात की भी रही कि टीम इन दोनों अस्पतालों के निदेशक की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रतिष्ठित डॉक्टरों के आवास पर भी गई थी पर इसकी पुष्टि नहीं हो सकी.
नहीं भर्ती किए गए मरीज
इस कारण दोनों अस्पताल में मरीज भी नहीं भर्ती किए गए. आयकर अधिकारियों ने सबसे पहले अस्पताल के निदेशक और प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को बुलाया. उनसे बात कर अस्पताल के वित्तीय लेनदेन के रिकॉर्ड को अपने कब्जे में कर लिया. अधिकारियों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन रसीद का भी मिलान किया.