Allahabad: इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) की ओर से लिया गया बड़ा फैसला

बच्चों को वायरल बुखार में नहीं देंगे एंटीबायोटिक

Update: 2024-06-03 06:14 GMT

इलाहाबाद: अब वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों को एंटीबायोटिक दवा देने में डॉक्टर्स हाथ खीचेंगे. बच्चों को बुखार में एंटीबायोटिक दवा देने की जरूरत नहीं होने से जुड़े पहलुओं के बारे में उनके अभिभावकों को भी सजग करेंगे. यह फैसला इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) की ओर से लिया गया है. इस संबंध में आईपीए ने बच्चों के बुखार के इलाज का नया प्रोटोकॉल तय करके सभी चिकित्सकों के लिए फीवर मॉड्यूल जारी किया है.

मुरादाबाद में आयोजित हुई आईएपी की कांफ्रेंस में चिकित्सकों को इसकी बारीकियों से अपडेट किया गया. इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की कांफ्रेंस में पहुंचे विशेषज्ञों ने बताया कि प्रदेश भर में चाइल्ड स्पेशलिस्ट अब इसी मॉड्यूल के आधार पर बुखार से पीड़ित बच्चों का इलाज करेंगे. अपोलो अस्पताल, नोएडा से पहुंचे डॉ. अरविंद गर्ग ने बताया कि वायरल संक्रमण से होने वाले बुखार में बच्चों को एंटीबायोटिक दवा देने की कतई जरूरत नहीं है.

इस बुखार को ठीक होने में एक हफ्ते का समय लगता है. एंटीबायोटिक देने पर भी बुखार एक हफ्ते में ही ठीक होता है और दवा नहीं देने पर बच्चों के शरीर में वायरल संक्रमण से लड़ने की क्षमता विकसित होती है.

पंचायत में रेप की 50 हजार कीमत लगाई: लिसाड़ी गेट क्षेत्र की किशोरी के साथ रिश्तों को शर्मसार करने की वारदात सामने आई है. मामा ने नाबालिग भांजी को नशीली कोल्ड ड्रिंक पिलाकर उसकी अस्मत को रौंद दिया. मामला खुला तो लोकलाज का हवाला देकर आरोपी पक्ष के लोगों ने पंचायत बुला ली.

यहां आरोपी मामा ने अस्मत की कीमत 50 हजार लगा दी. पीड़ित पक्ष ने समझौते से इनकार कर दिया और थाने में तहरीर दी. पुलिस मामले की जांच कर रही है. बताया गया है कि लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र निवासी पीड़ित किशोरी की मां की मृत्यु हो चुकी है और पिता जेल में है. वह दादा के साथ रहती है.

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