राष्ट्रव्यापी हड़ताल, ग्रामीण बंद के समर्थन में अखिल भारतीय किसान महासभा ने इटौंजा में किया प्रदर्शन

All India Kisan Mahasabha demonstrated in Itaunja in support of nationwide strike, rural bandh/ राष्ट्रव्यापी हड़ताल, ग्रामीण बंद के समर्थन में अखिल भारतीय किसान महासभा ने इटौंजा में किया प्रदर्शन

Update: 2024-02-16 11:39 GMT

लखनऊ। मोदी सरकार की विनाशकारी नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन महासंघों और संयुक्त किसान मोर्चा के आवाह्न पर 16 फरवरी को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल/ग्रामीण बंद के समर्थन में आज अखिल भारतीय किसान महासभा ने माल रोड, इटौंजा पर प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति महोदया को सम्बोधित 9 सूत्रीय ज्ञापन थाना प्रभारी इटौंजा सौंपा।

पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला संयोजक का0 छोटेलाल रावत,सह संयोजक का0 रामसागर जगत तथा भाकपा (माले) के जिला प्रभारी का0 रमेश सिंह सेंगर के नेतृत्व में माल रोड स्थित गौराही में किसान इकट्ठा होकर इटौंजा तक मार्च निकालना चाहते थे। झंडा बैनर से सजा जुलूस सरकार विरोधी नारे बाजी करते हुए जुलूस जैसे ही पेट्रोल टैंक पर पहुंचा वहां पर इटौंजा थाना प्रभारी के नतृत्व में मौजूद पुलिस फोर्स ने जुलूस को रोक लिया और ज्ञापन देने का आग्रह किया।
इसके पूर्व सभा को सम्बोधित करते हुए का0 छोटेलाल रावत ने कहा कि मोदी-योगी सरकार किसानों मजदूरों के साथ वायदा खिलाफी कर रही है। उन्होंने कहा कि एक साल तक चले किसान आन्दोलन में सात सौ से ज्यादा किसानों की जान चली गई लेकिन मोदी सरकार एक इंच भी आगे नहीं बढ़ी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानेगी तो आगामी लोकसभा चुनाव में किसान उसे सबक सिखाएंगे। किसान सभा के सह संयोजक और बुजुर्ग किसान नेता का0 रामसागर जगत ने कहा कि मोदी सरकार के दौर में दबंगों माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और ग्राम समाज की जमीनों पर कब्जा किये हुए हैं। उन्होंने बीकेटी क्षेत्र के खजुरी गांव का जिक्र करते हुए कहा कि यहां दबंगों ने ग्राम समाज की जमीनों पर कब्जा किया हुआ है। उन्होंने मांग की कि सरकार दबंगों के खिलाफ कार्यवाही करके जमीनों को सुरक्षित करें।
भाकपा (माले) के जिला प्रभारी का0 रमेश सिंह सेंगर ने कहा कि मोदी सरकार देश की सरकारी सम्पत्तियों को अपने चहेते पूंजीपतियों को सौंप रही है और विरोध करने वालों को जेलों में ठूंस रही है। उन्होंने कहा कि यह सरकार हिटलर के रास्ते पर चलकर पूरे देश को बर्बाद कर रही है। मंहगाई, भ्रष्टाचार देश को खोखला कर रहा है और देश के नये कर्णधार आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार संविधान को रौंद कर तानाशाही पर आमादा है। इसलिए लोकतन्त्र और संविधान की रक्षा के लिए भाजपा को सत्ता से बाहर करना होगा।
ज्ञापन में मुख्य रूप से किसानों को एम एस पी की गारंटी, उनके क़र्ज़ माफ करने, सस्ती दर पर खाद बीज पानी देने बिजली बिल 2022 वापस लेने, मनरेगा मजदूरों को साल में दो सौ दिन काम व छै सौ रुपए दैनिक मजदूरी देने, सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण बन्द करने,4 श्रम कोड रद्द कर सभी श्रम कानूनों को लागू करने, शिक्षा के बाजारीकरण पर रोक लगाने, इस्कीम वर्कर्स को कर्मचारी घोषित करके 21000/- वेतन देने तथा ग्राम समाज की जमीनों पर दबंगों के अवैध कब्जा हटाने की मांग की गई।
कार्यक्रम में किसान नेता का0 हीरालाल,का0 गजराज ,का0काशीप्रसाद,का0 विजय कुमार लोध,का0 दुर्गेश, राधेश्याम,संजय कुमार, मेवालाल,रामकरन, का0खुशीराम ,कल्लू,प्रभू गुड्डू का0 गगन का0 मोजाम अली रामबहादुर प्रेम चंद मायाराम, सद्दाम हुसैन, जगदीश, राहुल कुमार ,मनोज कुमार प्रियंका रावत आदि लोग शामिल थे।



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