Aligarh: पुलिस ने पूर्व मंत्री चौ. उदयभान के घर ढोल बजाकर कुर्की पूर्व कार्रवाई की मुनादी कराई

घोषणा का नोटिस चस्पा किया

Update: 2024-06-30 06:17 GMT

अलीगढ़: पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह के हसनपुरा, लोहामंडी स्थित आवास पर रविवार को पुलिस ने ढोल बजाकर कुर्की पूर्व कार्रवाई की मुनादी कराई. नोटिस चस्पा किया. उनका नाती दिव्यांश चौधरी 25 हजार का इनामी है. जानलेवा हमले के मुकदमे में अप्रैल से फरार है. पुलिस की टीम पश्चिमपुरी स्थित एक और आवास पर गई. वहां भी कुर्की से पहले की जाने वाली घोषणा का नोटिस चस्पा किया गया.

ऋषि मार्ग, शाहगंज निवासी जूता कारोबारी और उनकी बेटी को गाड़ी से कुचलने का प्रयास किया गया था. घटना के बाद कारोबारी परिवार ने हंगामा किया था. जाम लगाया था. पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह के नाती दिव्यांश चौधरी के खिलाफ शाहगंज थाने में मुकदमा लिखाया था. आरोप लगाया था कि उसने उनकी बेटी का जीना दुश्वार कर रखा है. उसके पीछे लखनऊ तक पहुंच गया था. वहां पुलिस को लिखित में माफीनामा दिया था. घटना के विरोध में पंजाबी समाज एकजुट हुआ था. भाजपा कार्यालय का घेराव किया था. दबाव में पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित किया था. आरोपित राहत के लिए पहले स्थानीय अदालत में गया था. प्रार्थना पत्र खारिज होने पर हाईकोर्ट गया था. वहां से 21 दिन की मोहलत मिली थी. इस अवधि में समर्पण करना था. 21 दिन का समय बीत गया. आरोपित ने समर्पण नहीं किया. हाईकोर्ट की समय सीमा समाप्त होने के बाद पीड़ित पक्ष ने एक बार फिर पैरवी शुरू की. विवेचक इंस्पेक्टर क्राइम शाहगंज अरविंद तोमर ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया. कोर्ट ने कुर्की उद्घघोषणा के आदेश दिए थे.

रविवार को इंस्पेक्टर क्राइम अरविंद तोमर फोर्स के साथ ढोल और लाउडस्पीकर लेकर पहले हसनपुरा, लोहामंडी पहुंचे. वहां पुलिस ने मुनादी कराई. सुनो, सुनो सुनो. दिव्यांश चौधरी के खिलाफ कुर्की उद्घोषणा का आदेश मिला है. वह भगौड़ा है.

मुनादी सुनकर मौके पर लोग हो गए एकत्र: ढोल बजने और लाउडस्पीकर पर पुलिस की आवाज सुनकर आसपास के लोग जमा हो गए. पुलिस ने घर पर नोटिस चस्पा किया. इंस्पेक्टर शाहगंज अमित कुमार मान ने बताया कि पश्चिमपुरी में भी एक घर पर नोटिस चस्पा किया गया. यह घर आरोपित दिव्यांश चौधरी के नाना का है. वह वहां भी रहता था.

एक माह में करना है आरोपी को समर्पण: सीआरपीसी 82 कुर्की पूर्व नोटिस की कार्रवाई के बाद आरोपित को समर्पण के लिए एक माह का समय दिया जाता है. इस दौरान पुलिस को यह देखना होता है कि आरोपित और उसके परिचित घर में रखा सामान खुर्दबुर्द तो नहीं कर रहे हैं. आरोपित एक माह में समर्पण नहीं करता है तो पुलिस पुन: कोर्ट जाती है. कुर्की की कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र देती है. कोर्ट के आदेश पर 83 की कार्रवाई की जाती है. इसमें पुलिस चल-अचल संपत्ति कुर्क करती है.

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