अलीगढ़ : करोड़ों खर्च कर हैंडपंप क्षतिग्रस्त, बूंद-बूंद तरस रहे लोग

करोड़ों खर्च कर हैंडपंप क्षतिग्रस्त

Update: 2022-07-12 11:23 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अलीगढ़. उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में जल आपूर्ति को लेकर लोग परेशान हैं. नगर निगम द्वारा करोड़ों खर्च कर लगवाए गए हैंड पंप खराब हो गए हैं. इसके साथ-साथ जमींदोज भी होते जा रहे हैं. इसके चलते शहरवासी पानी को लेकर काफी परेशान हैं. जिसे लेकर विभागीय अधिकारियों के पास इसकी कोई जवाबदेही नहीं है. अगर 50% भी काम किया जाता तो हेड पंप सुधरे हुए होते और जनता उनसे पानी पी रही होती लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ है.

बता दें कि शहर में 228 एमएलडी पानी की आवश्यकता रहती है. 120 एमएलडी पानी की आपूर्ति नलकूपों से होती है और बाकी 80 एमएलडी पानी हेडपंप वह संभव सेवर के जरिए हो जाती है. बिजली गुल हो जाए यह तकनीकी खराबी से नलकूप न चले तो गली मोहल्लों में अक्सर हेड पंप पर ही लोग लंबी लाइन लगाकर पानी भरते हैं. यही कारण है कि हेड पंपों पर हर साल करोड़ों का खर्च किया जाता है.
इस वित्तीय वर्ष में भी पानी आपूर्ति के लिए मोटा बजट तय हुआ था. इसमें ओवरहेड टैंक निर्माण के अलावा नलकूप हेड पंप रिबोर कराना और जर्जर हेडपंप फिर से दुरुस्त और सही कराना शामिल था. 500 हैंडपंप रिबोर कराने का ठेका गर्मी का मौसम शुरू होने से पहले दे दिया गया था. 600 हैंडपंप पिछले साल रिबोर कराई गई थी. यानी 2 साल में 1100 हेड पंप रिपोर्ट कराई गई. यह नलकूप विभाग ने दावा किया है.
इसके साथ ही नगर आयुक्त ने प्रतिदिन 20 हेड पंपों की मरम्मत कराने का भी आदेश जलकल विभाग को दिया था. विभागीय अधिकारियों ने मरम्मत कराने का दावा भी किया है लेकिन गली मोहल्लों में बदहाल हेड पंप इन दावों को बिल्कुल गलत मान रहे हैं. बता दें कि वार्ड संख्या 47 के मोहल्ला रजा नगर में अधिकतर हेडपंप बिल्कुल खराब पड़े हैं और कई जमींदोज हो गए हैं. जीवनगढ़ में सड़क किनारे हैंडपंपों की केवल अवशेष नजर आते हैं. इसके साथ अन्य क्षेत्रों में भी हैंडपंपों को लेकर यही हालत है.
बताया जा रहा है कि एक हेड पंप के रिबोर कराने में 60,000 का खर्च आता है. 11100 हेडपंप पर 6 60 करोड़ का बजट प्रस्तावित था. कुछ ठेकेदारों का भुगतान पहले से ही कर दिया गया था. बाकी का बाद में किया गया. कुछ ठेकेदार तो नगर निगम कर्मचारियों की चाहते भी हैं ज्यादातर हेडपंप इन्हीं से रिबोर कराई गई और भुगतान भी किया गया. लोग गर्मी के चलते ताजा और शीतल पानी पीने के लिए ढूंढते हैं. उन्हें कहीं हेडपंप मिल भी जाता है तो वह खराब मिलता है. जिसे लेकर विभाग के खिलाफ खरी खोटी सुनाते हैं. लोगों का यही कहना है कि ज्यादातर हैंडपंप खराब है गर्मी के चलते हमें काफी परेशानी का सामना करना पढ़ रहा है. जल्द से जल्द खराब हैंडपंपों को सही कराया जाए जिससे पानी की आपूर्ति फिर से बहाल हो सके.


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