Aligarh: एएमयू में फिर से बाहरी अराजकतत्वों द्वार की गई फायरिंग
कब तक रहेगा अराजकतत्वों का अड्डा
अलीगढ़: एएमयू में एक बार फिर से बाहरी अराजकतत्वों द्वार की गई फायरिंग की घटना ने कैम्पस की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. हुई घटना कोई पहली घटना नहीं है. इससे पूर्व में भी कई बार बाहरी तत्वों द्वारा फायरिंग की घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है. एएमयू के हॉस्टलों में भी बाहरी तत्वों के शरण लेने का खुलासा हुआ है. इतना हीं नहीं बीते साल देश की तमाम सुरक्षा, खुफिया एजेंसियों व दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल भी संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार कर चुकी है.
आतंकी देशविरोधी गतिविधियों से एएमयू का कनेक्शन पूर्व में कई बार उजागर हो चुका है. वर्ष 2023 के माह में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की टीम अलीगढ़ आई थी. टीम ने यहां रह रहे झारखंड के फैजान अंसारी के कमरे की तलाशी ली थी. फैजान करीब तीन वर्ष पहले से ही आतंकी गतिविधियों में संलिप्त हो गया था. यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने से पहले ही वह देश में बड़े हमले की साजिश रच रहा था. इसके बाद 14 सितंबर को एनआइए के आने की चर्चा होती रहीं. दो अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया. इनमें झारखंड निवासी अरशद वारसी शामिल था, जो 12 साल तक अलीगढ़ में रहा था. वर्ष 2004 से 2016 तक उसने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पढ़ाई की थी. इसके बाद एटीएस ने अलग-अलग इलाकों से अब्दुल्ला अर्सलान और माज बिन तारिक को गिरफ्तार किया था. तारिक बीकाम का छात्र था, जबकि अब्दुल्ला पेट्रो केमिकल से बीटेक कर चुका है. पूर्व में कई बार एएमयू इंतजामिया बाहरी असमाजिक तत्वों के प्रवेश पर अंकुश लगाए जाने के दावे करता रहा है लेकिन अंकुश नहीं लग सका है. हुई फायरिंग की घटना भी बाहरी तत्वों द्वारा की गई. आखिर कब तक इस तरह की घटनाएं तालीम के इदारे एएमयू में घटित होती रहेंगी.
मन्नान के आतंकी कनेक्शन ने दहलाया था
वर्षों पूर्व एएमयू छात्र मन्नान वानी का आतंकी कनेक्शन सामने आने के बाद सबके होश उड़ गए थे. उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा के लोलब गांव का निवासी मन्नान वानी एएमयू से पीएचडी कर रहा था. मन्नान उस वक्त सुर्खियों में आया था, जब उसने कश्मीर में मारे गए आतंकी बुरहान वानी के समर्थन में कैंपस में पोस्टर बांटे थे. दो जनवरी 2018 को हबीब हाल के कमरा नंबर 237 में रहने वाला मन्नान लापता हो गया था. सात जनवरी को इंटरनेट मीडिया पर उसकी एके-47 लिए तस्वीर सामने आई. अक्टूबर 2018 में जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मन्नान मारा गया था.
एएमयू परिसर के मिंटोई चौराहे के समीप दो कर्मचारियों पर बदमाशों ने गोली चलाई हैं. दोनों कर्मचारी अस्पताल में भर्ती हैं. हमलावरों का एएमयू से कोई नाता नहीं है और न ही यहां के छात्र रहे हैं. घटना पुरानी रंजिश को लेकर अंजाम दी गई. एएमयू कैंपस के अंदर लॉ एंड ऑर्डर को बेहतर बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास जारी है.
- प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली.