Aligarh: पूर्व सपा जिलाध्यक्ष शिशुपाल सिंह यादव के खिलाफ एडीए की ओर से मुकदमा दर्ज
जमीन पर स्वामित्व एडीए का फिर भी नक्शा पास
अलीगढ़: एडीए की सम्पत्ति कब्जाने के मामले में पूर्व सपा जिलाध्यक्ष शिशुपाल सिंह यादव के खिलाफ एडीए की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस केस में एडीए की सम्पत्ति कब्जाने के अलावा उसकी खरीद-बिक्री करने वालों की भी लंबी चेन है. सबसे बड़ी बात यह है कि जिस जमीन का स्वामित्व एडीए का रहा, उस जगह का नक्शा भी एडीए ने ही पूर्व में पास किया. नक्शा ही पास नहीं किया बल्कि कपाउंडिंग भी कर डाली. ऐसे में सवाल उठता है कि क्षेत्रीय एई-जेई सहित अन्य पटलों पर क्या जांच की गई.
अलीगढ़ विकास प्राधिकरण को 04 में मानव कल्याण समिति से हुए समझौते में स्वर्ण जयंती नगर में 1480 वर्गमीटर के कुल आठ प्लॉट मिले. जिसके बाद एडीए ने इन प्लॉटों को आवंटन किया. प्लॉट संख्या एन-सात को छोड़ते हुए सभी का आवंटन कर दिया गया. यह सभी प्लॉट स्वर्ण जंयती नगर में प्राइम लोकेशन पर थे. एडीए की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमें में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन सपा जिलाध्यक्ष ने एन-सात भूखंड पर अवैध कब्जा कर लिया. इसका बैनामा भी उनके नाम हो गया. इसके बाद यह भूखंड 17 तक बेचा जाता है. सूत्रों के अनुसार इस भूखंड का नक्शा स्वीकृत कराए जाने के लिए 19 में एडीए में आवेदन किया गया. हैरत की बात है कि तत्कालीन एडीए अफसरों ने भी आंखे बंद कर इसका नक्शा स्वीकृत कर दिया.
कैसे-कैसे बिकता रहा एडीए स्वामित्व का भूखंड सपा जिलाध्यक्ष ने वर्ष 08 में एन-7 भूखंड रीता सिंह पत्नी लवलेश सिंह को बेचा. 13 में रीता ने वर्षा गोयल पत्नी योगेश गोयल को बेचा. 17 में वर्षा ने यह भूखंड शशिबाला गुप्ता पत्नी राजबहादुर गुप्ता को बेच दिया. वर्तमान में शशिबाला ही इस भूखंड पर काबिज हैं.
नक्शा ही पास नहीं किया, कंपाउंड तक कर डाला
एडीए के स्वामित्व वाले भूखंड एन-7 का नक्शा ही नहीं एडीए ने पास किया बल्कि कपाउंड भी किया. 19 में एन-6 व एन-7 भूखंड को जोड़कर निर्माण किया गया. इसकी कपांउडिंग भी एडीए ने की. एडीए की ओर से वर्ष - व - में वर्तमान काबिज शशिबाला के नाम नोटिस भी जारी किया. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.