लक्ष्मी नारायण के बयान पर अखिलेश का पलटवार, कहा-शक्तिहीन बेबस मंत्रियों को क्या जवाब देना
कहा-शक्तिहीन बेबस मंत्रियों को क्या जवाब देना
UP की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर विवादित बयान दिया है। एक चैनल से बातचीत के दौरान मंत्री ने कहा, "वो मुद्दे से भटक रहे हैं। अरे अहीरों का काम ही जानवर पालना था। वो अपने पैतृक धंधे को ही भूल रहे हैं। गाय और भैंस पालना तो अहीरों का मुख्य काम था।
मंत्री के घर में पैदा हुए, मुख्यमंत्री के घर में बड़े हुए। आसमान से टपके हैं, इसलिए उन्हें बार-बार यही बात याद आते हैं। उनके तो पूर्वजों का यही धंधा था। जिस नंद बाबा के वंशज बनते हैं, उस नंद बाबा के 9 लाख गायें थीं।"
अखिलेश ने कहा-बेबस मंत्रियों की टिप्पणी पर क्या जवाब देना?
कैबिनेट मंत्री के इस बयान पर अखिलेश यादव ने पलटवार किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "उन शक्तिहीन बेबस मंत्रियों की व्यक्तिगत टिप्पणी पर क्या जवाब देना? सरकार में जिनकी कोई गिनती तक नहीं है। हमारी तो यही प्रार्थना है कि बेचारगी से त्रस्त ऐसे मंत्री जी को सन्मति दे भगवान! यदि अहंकार से मतिभंग होने का कोई उपचार होता, तो हम उसके लिए भी सच्चे मन से प्रार्थना करते।"
विधानसभा सत्र में अखिलेश ने उठाया था आवारा पशुओं का मुद्दा
दरअसल, यूपी में विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। पहले दिन ही अखिलेश यादव ने आवारा पशुओं के मुद्दे को उठाया था। इंटरव्यू के दौरान जब गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री लक्ष्मी नारायण से आवारा पशुओं के मुद्दे पर सवाल किया, तो उन्होंने अखिलेश पर ही निशाना साध दिया।
बयान पर मानसून सत्र में हंगामे के आसार
मंगलवार को मानसून सत्र का दूसरा दिन है। ऐसे में मंत्री लक्ष्मी नारायण के बयान को लेकर सदन में भी हंगामें के आसार बने हुए हैं। अखिलेश ने मंगलवार सुबह ही मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी। इससे पहले, सत्र के पहले दिन विपक्ष में सपा और रालोद के विधायकों ने हंगामा किया। मुद्दा महंगाई, भ्रष्टाचार और यूपी में बेरोजगारी थी।
मानसून सत्र के पहले दिन अखिलेश यादव और सपा-रालोद के विधायक वेल में आ गए थे।
मानसून सत्र के पहले दिन अखिलेश यादव और सपा-रालोद के विधायक वेल में आ गए थे।
स्वामी प्रसाद को बताया था नाली का कीड़ा
यह पहला मौका नहीं है जब लक्ष्मी नारायण ने ऐसा बयान दिया। इससे पहले 7 फरवरी 2023 को अलीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में लक्ष्मी नारायण चौधरी ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर सवाल पूछने पर कहा था कि वह नाली के कीड़े के समान हैं। उन्होंने कहा था कि हीरे की परख जौहरी जानता है। जिन लोगों को पता ही नहीं है कि रामायण क्या चीज है, कमल और गुलाब की खुशबू भंवरा जानता है, नाली का कीड़ा नहीं जानता।
यूपी में आवारा पशुओं का मुद्दा कितना बड़ा है, इसको इन 3 प्वाइंट से समझा जा सकता है....
1- अखिलेश ने 30 दिन में 6 बार आवारा पशुओं पर किया ट्वीट
आवारा पशुओं के मुद्दे पर सपा लगातार योगी सरकार को घेरती रहती है। इसका अंदाजा ऐसे ही लगा सकते हैं कि अखिलेश यादव ने 1 महीने में 6 बार आवारा पशुओं से जुड़ी घटनाओं को ट्वीट किया। यही नहीं, अगर आप सपा का ट्विटर वॉल को देखेंगे, तो इस मुद्दे से जुड़े हुए सैकड़ों ट्वीट मिल जाएंगे। सपा ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था और अब लोकसभा चुनाव में भी सपा इसे बड़ा मुद्दा बना सकती है।
2-पीएम ने विधानसभा चुनाव में इस समस्या किया था जिक्र
यूपी विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस समस्या का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि जल्द सरकार इसका समाधान भी निकाल लेगी। अब योगी सरकार भी किसानों को इस समस्या से राहत दिलाने के लिए दावा कर रही है। इधर,अखिलेश यादव लगातार कह रहे हैं कि बीते 6 सालों से किसान इसी तरह परेशान हैं। सड़क हादसों में लोगों की जान जा रही है। जब भी चुनाव आ रहा है, तब सरकार को यह याद आया है। सपा विधायकों ने जिलेवार आवारा पशुओं से लोगों की हुई मौत की एक रिपोर्ट तैयार की थी। इसे बीते विधानसभा सत्र में पटल पर रखा था।
3-आवारा पशुओं के मुद्दे पर बीजेपी सरकार की तैयारी
अब यूपी सरकार ने ये तय किया है कि नील गाय और सांड की टक्कर से यदि कोई घायल होगा, तो उसे मुआवजा दिया जाएगा। इसमें 60 फीसदी से अधिक अपंगता होने पर ढाई लाख रुपए, जबकि 40 से 60 फीसदी अपंगता होने पर 74000 रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। वहीं मामूली घायल होने पर 5400 और 1 सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती होने पर 16000 का मुआवजा सरकार देगी। इसके लिए डॉक्टर का प्रमाण पत्र देना होगा। योगी सरकार अब इसे आपदा में भी शामिल कर सकती है। इसका प्रस्ताव भी तैयार कर चुकी है।
सबसे आखिरी में जानिए लक्ष्मी नारायण कौन हैं?...
बसपा से बीजेपी में आए, छठी बार मंत्री हैं लक्ष्मी नारायण चौधरी
योगी सरकार में मथुरा के छाता विधायक चौधरी लक्ष्मी नारायण छठी बार मंत्री बनाए गए हैं। लक्ष्मी नारायण पहली बार 1996 में उद्यान मंत्री बने। दो बार कारागार मंत्री रहे। 2017 में पशु पालन एवं दुग्ध विकास मंत्री बने। 2022 में फिर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। LLB पास चौधरी लक्ष्मी नारायण की पहचान बड़े जाट नेता के रूप में है। भाजपा ने उन्हें दोबारा कैबिनेट मंत्री बनाकर जातिगत समीकरण साधने का प्रयास किया है।
भाजपा से पहले वह बसपा शासन में भी मंत्री रह चुके हैं। चौधरी लक्ष्मी नारायण पहली बार 1985 में विधायक बने थे। तब उन्होंने लोकदल के टिकट पर छाता से भाजपा के किशोरी श्याम को हराया था, लेकिन अगले ही चुनाव में किशोरी श्याम ने उन्हें हरा दिया। इसके बाद लक्ष्मी नारायण 1993 में गोकुल से जनता दल के टिकट पर लड़े, लेकिन जीत नहीं पाए। 1996 में चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कांग्रेस का दामन थामा और छाता से दूसरी बार विधायक बने।
सदन की पहले दिन कार्रवाई की कुछ ऑफबीट तस्वीरें भी देखिए...
जब सदन में राजभर से मिले अखिलेश:सपा प्रमुख ने आवाज देकर बुलाया, फिर हंसते हुए दोनों ने हाथ मिलाए; तस्वीरों में सत्र का पहला दिन
यूपी विधानसभा में मानसून सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा। महंगाई-भ्रष्टाचार और मणिपुर के मुद्दे पर सपा-रालोद विधायकों ने नारेबाजी की। इन सबके बीच, अखिलेश यादव और ओपी राजभर की मुलाकात की तस्वीर चर्चा में रही। जैसे ही सदन में अखिलेश यादव ने एंट्री की। उनके बगल से ओपी राजभर गुजर रहे थे। अखिलेश ने उन्हें आवाज देकर बुलाया