Agra: डीसिल्टिंग की आईआईटी रुड़की से ली जाए सलाह: सुप्रीम कोर्ट

राज्य सरकार को शपथ पत्र देने के दिए निर्देश

Update: 2024-07-28 07:12 GMT

आगरा: सुप्रीम कोर्ट ने को यमुना की डीसिल्टिंग कराए जाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिए कि वह इस मामले में आईआईटी रुड़की की तकनीकी सलाह ले ले. इसके लिए आईआईटी रुड़की को जिम्मेदारी देने संबंधी शपथ पत्र को दो अगस्त को कोर्ट में प्रस्तुत करे. वहीं सड़क सुरक्षा संबंधी याचिका पर अब 20 अगस्त को सुनवाई होगी.

आगरा डेवलेपमेंट फाउंडेशन की ओर से लगाई गई याचिका में कहा गया था कि यमुना की डीसिल्टिंग होना जरूरी है. इस पर को देश के शीर्ष न्यायालय में सुनवाई हुई. राज्य सरकार का मत था कि डीसिल्टिंग नहीं होनी चाहिए. न्यायालय इस बात से सहमत नहीं दिखा. आदेश दिया कि इसके लिए आईआईटी रुड़की से तकनीकी सलाह ले ली जाए. आईआईटी रुड़की यदि किसी अन्य एजेंसी की मदद लेना चाहें तो भी ले सकती है. एक अन्य वाचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाय ने कहा कि यमुना की गंदगी को देखते हुए 90 नालों में से कुछ टेप किए गए थे. जल निगम, नगर निगम, शपथ पत्र दाखिल करे कि अभी तक कितने नाले टेप हो चुके हैं. साथ ही ये भी बताए कि यमुना की गंदगी को साफ करने की जिम्मेदारी किसकी है. वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन की सड़क सुरक्षा संबंधी याचिका पर न्यायालय ने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रानिक मानीटरिंग की जाए कि नहीं. इस पर 20 अगस्त को सुनवाई होगी. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार इस पर अपना भी मत दे कि क्या ऐसा किया जा सकता है कि नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने जैन की अन्य याचिकाओं पर बाद में सुनवाई करने के लिए कह दिया. सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बार्ड के अधिकारी भी मौजूद रहे.

अल्ट्रासाउंड रिकार्ड सील, लगाई रोक: स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए जेजे हॉस्पिटल आवास विकास पहुंची. यहां अल्ट्रासाउंड फार्म पर डॉक्टर के हस्ताक्षर नहीं थे. टीम ने रिकार्ड सील करते हुए आगामी निर्देश तक अल्ट्रासाउंड पर रोक लगा दी है. रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी.

बता दें कि अभी तक स्वास्थ्य विभाग की टीम 52 स्वास्थ्य इकाइयों का निरीक्षण कर चुकी है. तीन सेंटरों पर सील की कार्रवाई हुई है.

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