Agra: स्कूटी सवार लुटेरों ने युवती से पर्स छीनने का प्रयास किया
"लोगों ने एक लुटेरे को दबोचा"
आगरा: हरीपर्वत थाना क्षेत्र के विजय नगर में स्कूटी सवार लुटेरों ने युवती से पर्स छीनने का प्रयास किया. युवती स्कूटी के साथ घिसटती चली गई. लोगों ने एक लुटेरे को पकड़ लिया. चप्पलों से उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. पुलिस पर लुटेरे को छोड़ने का आरोप है.
क्षेत्रीय पार्षद रिषभ गुप्ता ने बताया कि लोगों ने उन्हें जानकारी दी है. दोपहर विजय नगर क्षेत्र से गुजर रही युवती से स्कूटी सवार दो युवको ने पर्स छीनने का प्रयास किया. लोगों ने उसे पकड़ कर पिटाई कर दी. मौके पर लोगों की भीड़ भी जमा हो गई थी. घटना का सीसीटीवी और मारपीट के वीडियो वायरल हुए हैं.
युवक को चौकी से छोड़ने की चर्चा
मामले में क्षेत्र के लोगों के वाट्सएप ग्रुप पर आरोपित को पुलिस के हवाले करने और चौकी से छोड़ने की चर्चा है.
इंस्पेक्टर हरीपर्वत आलोक कुमार ने बताया कि पुलिस को ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है. वीडियो प्रसारित होने पर पुलिस को जानकारी हुई है. दो लुटेरों की पहचान हुई है. ये आशीष निगम निवासी जीवनी मंडी और शिवांक शर्मा उफ सनी निवासी जीन की मंडी हैं.
मेट्रो के निर्माण में निगम की जाएगी 1000 वर्गमीटर भूमि
आगरा मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे कॉरिडोर के निर्माण में नगर निगम की जमीन भी जाएगी. निगम के मुख्य परिसर के बाहर पार्क और पार्किंग की जमीन सहित करीब 1000 वर्गमीटर भूमि का उपयोग स्टेशन के निर्माण में किया जाएगा. इसके लिए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन निगम को पत्र लिखकर स्टेशन का डिजायन भी उपलब्ध करा दिया है.
आगरा मेट्रो का दूसरा कॉरिडोर (आगरा कैंट से कालिंदी विहार) एलिवेटेड बनाया जा रहा है. इसका एक स्टेशन एमजी रोड पर नगर निगम के कार्यालय के ठीक सामने आ रहा है. स्टेशन एलिवेटेड होगा, लेकिन स्टेशन के अंदर जाने और बाहर आने के लिए सीढ़ियां और अन्य जरूरी उपकरणों के लिए भूमि की सतह पर करीब एक हजार वर्ग मीटर जमीन की जरूरत होगी. इसके लिए नगर निगम की बाउंड्री के बाहर की जमीन और बाउंड्री के अंदर बनी पार्किंग और पार्क के कुछ हिस्से की भूमि की जरूरत होगी. नगर निगम ने बाउंड्री के बाहर हाल में कबाड़ से बनी कलाकृतियां लगाई हैं. पार्क के आगे पार्किंग का निर्माण किया है.
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन ने नगर निगम के स्टेशन का डिजायन उपलब्ध करा दिया है. नगर निगम के अधिकारियों के सामने दिक्कत यह है कि वे अपने स्तर से जमीन मेट्रो को नहीं दे सकते हैं. इस प्रस्ताव पर नगर निगम की कार्यकारिणी और सदन की अनुमति जरूरी है, इसलिए इसका प्रस्ताव बनाकर कार्यकारिणी और फिर सदन के समक्ष लाया जाएगा.