Agra: दवाओं के 200 नमूनों की रिपोर्ट आई, 39 फेल निकले

इस मामले में 45 दवा कारोबारियों के लाइसेंस भी निरस्त किए गए हैं.

Update: 2024-06-04 09:22 GMT

आगरा: ताजनगरी नकली और नशीली दवाओं की राजधानी साबित हो रही है. बीते साल भेजे गए 5 में से 200 नमूनों की रिपोर्ट आ गई है. इसमें 39 दवाओं के नमूने जांच में फेल पाए गए. ये या तो नकली थे या मानक के अनुसार नहीं थे. अधिकतर दवाएं नामी-गिरामी कंपनियों के प्रसिद्ध ब्रांड की हैं. इस मामले में 45 दवा कारोबारियों के लाइसेंस भी निरस्त किए गए हैं.

सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय के मुताबिक बीते साल कई प्रदेशों की पुलिस, नारकोटिक्स और औषधि विभाग ने आगरा प्रशासन के साथ मिलकर कई स्थानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान आधा दर्जन से अधिक दवा बनाने वाली अवैध फैक्ट्रियां पकड़ी गईं. कई गोदाम भी पकड़ में आए. इनसे 50 करोड़ से भी अधिक का माल बरामद किया गया. दोषी फर्म के मालिकों के खिलाफ 12 मुकदमे दर्ज किए गए. कई आरोपी गिरफ्तार कर जेल भेजे गए. दुकानों और गोदामों पर सील भी लगाई गई. करीब 45 दवा विक्रेताओं के लाइसेंस भी निरस्त किए गए थे. इनमें से कुछ ने नोटिस का जवाब नहीं दिया. कई ने दुकानें बंद कर दी थीं. छापेमारी में संदिग्ध पाई गई 5 दवाइयों के सैंपल लखनऊ प्रयोगशाला को भेजे गए थे. इन्हें अप्रैल 20 से मार्च 20 तक के बीच भेजा गया. इनमें से 200 की रिपोर्ट आ गई है. कुल 20 तरह की एंटीबायोटिक, गैस्ट्रो एंट्रोलाजी में काम आने वाले 05 कैप्सूल और 14 तरह के कोडीन युक्त कफ सीरप के नमूने फेल साबित हुए हैं. इनकी जांच रिपोर्ट अब सार्वजनिक की गई है. कुल 39 दवाइयां नकली और अधोमानक पाई गई हैं.

नकली और अधोमानक दवा में अंतर दरअसल नकली दवाएं हमेशा बड़े ब्रांड की नकल करके बनाई जाती हैं. इनमें इस्तेमाल किए गए ड्रग कंपोनेंट समान भी हो सकते हैं और कम भी. जबकि अधोमानक में दवाइयों के पैकेट, शीशी पर प्रदर्शित की गई संबंधित ड्रग कांबीनेशन की मात्रा कम पाई जाती है.

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