रीफिलिंग से नकली दवा तक पहुंचा आगरा, बाहरी प्रदेशों में बनवाते थे ड्रग्स

Update: 2023-07-12 05:49 GMT

आगरा न्यूज़: ताजनगरी में अभी तक नकली या नशीली दवाओं की रीफिलिंग और पैकेजिंग हुआ करती थी. बाहरी राज्यों में दवाएं बनवाकर आगरा से सप्लाई की जाती थी. अब यहां फैक्ट्री लगाकर नकली दवाओं का उत्पादन किया जाने लगा है. यानि नकली दवाओं के सौदागर लोगों की जान लेने पर उतारू हैं.

अभी तक की बड़ी कार्यवाहियों में 2020 में कमलानगर का विक्की अरोरा और कपिल अरोर पंजाब पुलिस के हत्थे चढ़े थे. आगरा में इनके दो गोदाम पाए गए. यहां खेपों के हिसाब से माल की पैकेजिंग की जा रही थी. इसी साल बल्केश्वर में भी पंकज गुप्ता का अंतर्राज्यीय गैंग सामने आया. इसका पूरा परिवार रीफिलिंग और पैकिंग कर रहा था. करीब ढाई करोड़ रुपए की दवाइयां पकड़ी गईं. शास्त्रत्त्ीपुरम में दो घरों में करीब 50 लाख की नकली दवाएं मिलीं. इसी तरह 2021 में राजन अग्रवाल की सर्जिकल फैक्ट्री पकड़ी गई.

कार्यवाहियों में सिर्फ रीफिलिंग और पैकिंग गोदाम इसी साल आवास विकास कालोनी में प्रदीप और सुभाष राजौरा का गोदाम पकड़ा गया. यहां नशीली दवाइयों की पैकिंग हो रही थी. 2019 में निबोहरा में सात लाख के नकली इंजेक्शन, गर्भपात की नकली दवाओं की किट, 2018 में पंजाब एसटीएफ ने 20 लाख के कफ सीरप पकड़े थे. यानि अभी तक की सभी कार्यवाहियों में केवल रीफिलिंग और पैकिंग गोदाम ही पकड़ में आए हैं. पहली बार है कि दो थाना क्षेत्रों में दवा बनाने की अवैध फैक्ट्रियां पकड़ी गई हैं. पांच करोड़ का माल भी बरामद किया गया है. कुल मिलाकर यह कि नकली और नशीली दवाओं का खेल रुकने की बजाए कई गुना बढ़ गया है.

नकली फूड सप्लीमेंट की फैक्ट्री भी दो साल पहले सिकंदरा इलाके में नकली फूड सप्लीमेंट की फैक्ट्री भी पकड़ी गई थी. इसका बाकायदा लाइसेंस था. लेकिन यहां फूड सप्लीमेंट के अलावा दवाइयां भी पैक हो रही थीं. टीम ने कई लोग गिरफ्तार किए गए थे.

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