Agra: अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करें तो स्थिति पर नियंत्रण मुश्किल
कार्यशाला दरोगाओं का मानना, स्थिति नियंत्रण के लिए जरूरी है सख्ती
आगरा: कोई पुलिस कर्मी जनता के किसी व्यक्ति के साथ अभद्रता करे तो दूसरे पुलिस कर्मी को इसकी शिकायत नहीं करनी चाहिए. कमिश्नरेट में 50 दरोगाओं पर हुए सर्वे पर 83 प्रतिशत ने यह जवाब दिया. हैरान करने वाली बात यह है कि 52 प्रतिशत का यह मानना है कि वे अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करें तो स्थिति पर नियंत्रण मुश्किल है. रसूख के लिए अभद्रता जरूरी है.
पिछले दिनों ताजगंज थाने की तोरा चौकी में दरोगा पर युवक को थूक चटवाने का आरोप लगा था. दरोगा घटना से चंद दिन पहले ही तैनात हुआ था. उसके खिलाफ मुकदमा लिखा गया. लाइन हाजिर हुआ. दरोगा आकाश यादव और कलाल खेरिया निवासी कृष्ण कुमार के बीच मामूली तकरार हुई थी. दरोगा को लगा कि उसका रसूख कम हो जाएगा. उसने गुस्से में मारपीट कर दी. युवक को घसीटकर चौकी ले गया. आखिर ऐसा क्यों हुआ. दरोगा क्या सोचते हैं. यह जानने के लिए पर्यटन थाने में एक कार्यशाला का आयोजन कराया गया. कार्यशाला में व्यवहार विशेषज्ञ एवं डायरेक्टर डॉ. नवीन गुप्ता ने एक सर्वे कराया. उसमें यह जानने का प्रयास किया कि पुलिसिंग के दौरान पुलिस पर आए दिन अभद्रता के आरोप क्यों लगते हैं. यह जानने के लिए ऐसे सवाल पूछे गए जिससे यह पता चल सके कि पुलिस कर्मी आखिर सोचते क्या हैं. उन्हें बात-बात पर गुस्सा क्यों आता है. एसीपी ताज सुरक्षा सैयद अरीब अहमद ने बताया सर्वे में जो बातें सामने आईं उन्हें दूर करने के लिए जल्द ही व्यवहार में बदलाव के लिए कार्यशाला आयोजित की जाएगी. कार्यशाला का मकसद पुलिस को विवादों से बचाना है. पुलिस को यह अहसास कराना है कि वर्दी उन्हें जनता की सेवा के लिए मिली है. कार्यस्थल पर कोई उनसे ऊंची आवाज में बोले तो आपा नहीं खोना चाहिए. पहले यह जानने का प्रयास करना चाहिए कि वजह क्या है.
दरोगाओं को लगता है उचित सम्मान नहीं
● एसीपी ताज सुरक्षा ने बताया कि 44.5 प्रतिशत दरोगाओं का मानना है कि उन्हें उचित सम्मान नहीं मिलता.
● 83 प्रतिशत का मानना था कि साथी पुलिस कर्मी जनता के किसी व्यक्ति से अभद्रता करे तो उसकी शिकायत नहीं करनी चाहिए.
● 50 प्रतिशत सोचते हैं कार्यस्थल पर उनसे अभद्रता पूरे पुलिस महकमे का अपमान है. वर्दी का अपमान है.
● 50 प्रतिशत सोचते हैं समाज हित में हाथ उठाना पड़ता है.
● 53 प्रतिशत ने माना कानून की बात समझाने के लिए बल का प्रयोग जरूरी है.
सितारा होटल के अधिकारियों ने लिया सेशन: दरोगाओं को यह बताने के लिए नौकरी के एवज में उन्हें वेतन मिलता है. वेतन सरकार इस बात का देती है कि जनता की समस्या का निस्तारण करें. यह बताने और समझाने के लिए एक सितारा होटल की एचआर मैनेजर पूजा चौहान व लीडरशिप मैनेजर प्रेरक्षा बेरी को बुलाया गया था. उन्होंने अपने अनुभव साझा किए. बताया कि किस तरह एक मुस्कान से सामने वाले के गुस्से को शांत किया जा सकता है. सामने वाला गुस्से में है तो उसकी बात सुनें. उससे तेज आवाज में बोलेंगे तो मामला बिगड़ेगा.