Agra: विशेषज्ञों ने दी जानकारी, बच्चों में बढ़ रहा हृदय रोग
यह जानकारी आगरा विकास मंच के शिविर में विशेषज्ञों ने दी.
आगरा: सांस लेने में तकलीफ, थकान या कमजोरी महसूस होना, ओठ, नाखून या त्वचा पर भूरे-नीले या बैंगनी रंग की उपस्थिति, दिल की तेज धड़कन, चक्कर आना और बार-बार बेहोश होना बच्चों में हृदय रोग के लक्षण हो सकते हैं. ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. यह जानकारी आगरा विकास मंच के शिविर में विशेषज्ञों ने दी.
उन्होंने बताया कि गर्भावस्था में ही प्रारंभ के तीन से चार माह में फेडरल अल्ट्रासाउंड से बच्चों के हृदय रोग का पता चल जाता है. जिससे समय रहते हुए हृदय रोग से बचाव किया जा सकता है. इसलिए, कोई लक्षण दिखाई देने पर सबसे पहले बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं. समय पर इलाज मिल जाए तो बच्चा सामान्य जिंदगी जीता है और आजन्म हृदय रोगी बनने से बच जाता है. यह जानकारी हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज अवस्थी ने निशुल्क हृदय रोग जांच शिविर में अभिभावकों को दी.
आगरा विकास मंच ने खतैना रोड, लोहामंडी में निशुल्क बाल हृदय रोग शिविर लगाया. इसमें मरीज देखे गए,10 बच्चे हृदय के ऑपरेशन के लिए चयनित किए गए. शिविर से पूर्व फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट नई दिल्ली के निदेशक और बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज अवस्थी ने अभिभावकों को अवगत कराया कि बच्चों को आजन्म हृदय रोगी बनने से कैसे बचाएं. अध्यक्ष राजकुमार जैन और संयोजक सुनील कुमार जैन ने बताया कि शिविर में सभी प्रकार की जांचें जैसे निशुल्क की गईं. मंच के महामंत्री सुशील जैन ने धन्यवाद दिया. डॉ. विजय कत्याल, डॉ. अरुण जैन, डॉ. बीके अग्रवाल, डॉ. सुनील शर्मा, डॉ. गौरव शर्मा ने भी सेवाएं दीं. मंच के महामंत्री सुशील जैन, प्रवक्ता संदेश जैन, अमरीश पटेल, पंकज अग्रवाल, प्रदीप तिवारी, रवि अग्रवाल, जय रामदास आदि ने व्यवस्थाएं संभालीं.