आगरा प्रशासन ने कर्जदारों को दी बड़ी चेतावनी, कर्ज नही देने पर हो सकती है गिरफ्तारी
आगरा न्यूज़: यूपी के आगरा जिले में सहकारी ग्राम विकास बैंक के 2362 कर्जदारों पर इस वक्त गिरफ्तारी की तलवार लटकी पड़ी हैं क्योंकि करीब 74.48 करोड़ रुपये बकाया बताया जा रहा है। जिस पर फैसला लेते हुए प्रशासन ने चेतावनी जारी करते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक को कर्जदारों की भूमि बंधक बनाने, कुर्की व नीलामी द्वारा कर्ज की वसूली करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा जिले में बैंक की कुल नौ शाखाएं हैं।
2362 कर्जदारों के खिलाफ रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी: सहकारी ग्राम विकास बैंक किसानों को स्वरोजगार व कृषि कार्य के लिए कर्ज देता है। और कर्ज के बदले में भूमि बंधक होती है। जिसके बाद ही दो लाख रुपये तक कर्ज प्राप्त होता है। पांच साल से अधिक समय से कर्ज नहीं चुकाने पाने वाले 2362 कर्जदारों के विरुद्ध रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी कर दिया गया है। इन सभी पर कुल मिलाकर 74.48 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। सबसे ज्यादा कर्जदार बाह क्षेत्र से ही अंतर्गत हैं। यहां करीब 886 लोगों पर 24.79 करोड़ रुपये बकाया है। इसके अलावा अब तक जिले में आठ किसानों की गिरफ्तारी हो चुकी है और दो किसानों की भूमि नीलाम कर दी गई है।
डॉ. एके मुदगल ने राजस्व को भेजी रिपोर्ट: क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ. एके मुदगल की ओर से एडीएम वित्त एवं राजस्व को एक रिपोर्ट भेजी गई। जिसमें कर्ज वसूली के लिए कार्रवाई आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी गई है। जिसके बाद प्रशासन ने कर्जदारों के लिए अंतिम चेतावनी देते हुए एक नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए हैं।
कितने कर्जदार, कितना बकाया
आगरा: 67 कर्जदार: 1.74 करोड़ रुपये
बाह: 886 कर्जदार: 24.79 करोड़ रुपये
एत्मादपुर: 248 कर्जदार: 7.18 करोड़ रुपये
फतेहाबाद: 110 कर्जदार: 3.43 करोड़ रुपये
किरावली:164 कर्जदार: 8.13 करोड़ रुपये
खंदौली: 199 कर्जदार: 6.73 करोड़ रुपये
खेरागढ़: 203 कर्जदार: 2.0 करोड़ रुपये
सैंया: 111 कर्जदार: 1.97 करोड़ रुपये
जगनेर: 374 कर्जदार: 17.48 करोड़ रुपये
इस योजना का उठाएं लाभ- एडीएम वित्त
एडीएम वित्त एवं राजस्व के यशवर्धन श्रीवास्तव ने यह कहा कि सहकारी बैंक के कर्जदार बकाएदार समाधान योजना के जरिए यह लाभ उठा सकते हैं। जिसके तहत उनका ब्याज व जुर्माना भी माफ हो जाएगा। 2362 कर्जदार लोगों पर 74 करोड़ रुपये से अधिक राशि बकाया है। कर्ज नहीं चुकाने पर अवश्य गिरफ्तारी होगी। और उनकी भूमि भी बंधक कर दी जाएगी तथा कुर्की व नीलामी से कर्ज की वसूली किया जाएगा।