दुधमुंहे बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप
मथुरा: स्वास्थ्य विभाग द्वारा डिप्टरिया पोलियो टिटनेस (डीपीटी) का टीकाकरण का कार्य जिलेभर में चल रहा है। तीन दिन पूर्व बल्देव थाना क्षेत्र के गांव पटलौनी में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने दो माह के बच्चे का टीकाकरण किया। टीकाकरण होने के तीसरे दिन ही बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं। इधर, स्वास्थ्य विभाग ने परिजनों के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम का गठन किया है।
चार जनवरी को बल्देव के गांव पटलौनी में स्वास्थ्य विभाग की टीम बच्चों को डिप्टरिया पोलियो टिटनेस (डीपीटी) का टीका लगाने के लिए पहुंची। टीम के सदस्यों ने घर घर जाकर बच्चों के टीके लगाए। यहां विजय सिंह के दो माह के पुत्र आयुष के भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने डीपीटी का टीका लगाया।
बताया जाता है कि टीकाकरण होने के बाद बच्चे ने मां का दूध पीना बंद कर दिया। साथ ही उसकी तबीयत धीरे-धीरे बिगड़ने लगी। परिजनों को पहले तो लगा कि सर्दी के कारण बच्चे की तबीयत बिगड़ी है। शुक्रवार को अचानक बच्चे की हालत ज्यादा खराब हो गई। परिजन उसे लेकर अस्पताल जाते इससे पहले ही उसकी मौत हो गई। परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर टीकाकरण के कारण बच्चे की मौत होने का आरोप लगाया। पुलिस को सूचना मिली तो वह मौके पर पहुंच गई और बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। यहां बच्चे का पोस्टमार्टम चिकित्सकों के पैनल द्वारा किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी अजय कुमार वर्मा ने बताया कि मामले की जांच अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक चौधरी व डॉ. रोहताश को सौंपी गई है। दोनों अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने बताया कि गांव में अन्य बच्चों के भी टीके लगे हैं। वह सभी स्वस्थ्य है। इस बच्चे की मौत कैसे हुई यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा। यदि इसमें स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।