चातुर्मास्य व्रत पूर्ण कर परमाराध्य शङ्कराचार्य जी महाराज कल पधारेंगे काशी
वाराणसी। परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती 1008 अपना 21वां चातुर्मास्य व्रत पूर्ण कर मध्य प्रदेश के परमहंसी गंगा आश्रम से सीमोल्लंघन के पश्चात् सिवनी होते हुए 5 अक्टूबर दिन गुरुवार को सायंकाल काशी पधारेंगे। शंकराचार्य जी महाराज के काशी पधारने पर सैकड़ों की संख्या में उपस्थित संत, वैदिक विद्वान, बटुक विद्यार्थी व भक्तगण ढोल, नगाड़े के थाप पर उद्घोष व पुष्पवर्षा कर स्वागत करते हुए सोनारपुरा चौराहे से शंकराचार्य घाट स्थित श्रीविद्यामठ तक ले जायेंगे।श्रीविद्यामठ में भक्तगण पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज का चरण पादुका पूजन कर उनका वंदन व अभिनंदन करेंगे।
उक्त जानकारी देते हुए पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में स्थिति परमहंसी गंगा आश्रम में 90 दिनों का चातुर्मास व्रत अनुष्ठान पूर्ण कर कल शंकराचार्य जी महाराज काशी पधार रहे हैं।इसलिए भक्तों द्वारा कल उनको 90 श्रीफल का माला बनाकर समर्पित किया जायेगा।काशी प्रवास के दौरान कोरोना से मृत लोगो के आत्मा सद्गति हेतु धर्मानुष्ठान। ज्ञातव्य है कि विगत दिनों काशी में एक पत्रकार वार्ता के दौरान पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज ने यह इच्छा व्यक्त की थी कि कोरोना काल में जितने भी लोग देश और विदेश में मृत्यु को प्राप्त हुए और जिन लोगों का विधि-विधान से अन्तिम संस्कार तक नहीं हो पाया था उन सबकी सद्गति के लिए काशी में श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा आयोजित होगी और वैदिक पण्डितों द्वारा उन सबके लिए तर्पण आदि धार्मिक कृत्य भी सम्पन्न होंगे; अपनी इसी इच्छा को मूर्त रूप देने वे काशी पधार रहे हैं।7 से 13 अक्टूबर तक होने वाली मुक्ति कथा का सजीव प्रसारण ओटीटी 56 चैनल पर होगा जिसके आयोजक श्री गौरव तिवारी जी हैं।