पूर्व पार्षद की हत्या में अधिवक्ता, उसके भाई और भतीजे को आजीवन कारावास

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Update: 2022-07-31 12:30 GMT
मुरादाबाद। चौदह साल पुराने चर्चित पूर्व पार्षद राजकुमार हत्याकांड में अदालत ने शनिवार को फैसला सुनाया। अदालत ने मुलजिम अधिवक्ता, उसके दो भाइयों और एक भतीजे को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और प्रत्येक पर 1.05 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
धर्मशाला की दुकानों के विवाद में पूर्व पार्षद की गोली मारकर हत्या की गई थी। बंगला गांव निवासी कृष्ण कुमार ने 30 अप्रैल 2008 को नागफनी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें बताया था कि उसके चाचा आमोद कुमार साईं अस्पताल में भर्ती थे। जिन्हें देखने के लिए वह अपने पिता राजकुमार (पूर्व पार्षद), मां राजकुमारी और अन्य परिजन के साथ अस्पताल गया था। देर शाम करीब आठ बजे सभी लोग लौट कर आ रहे थे। रिक्शा बंगला गांव में चार खंभा रोड पर पहुंचा इसी दौरान पहले से घात लगाए बैठे सतवीर कुमार, पवित्र कुमार(अधिवक्ता), मिलन कुमार, अनिल उर्फ बबलू पुत्र रतन लाल और पंकज उर्फ अमित, बाबी पुत्र सतवीर ने हम पर फायरिंग शुरू कर दी। गोली लगने से राजकुमार और राजकुमारी घायल हो गए। दिल्ली केे अस्पताल में उपचार के दौरान राजकुमार की मौत हो गई थी। इस मामले में विवेचक ने पवित्र कुमार, मिलन कुमार, अनिल उर्फ बबलू, पंकज उर्फ अमित, सतवीर, बॉबी और शिव चरण के खिलाफ अदालत में चार्जशीट पेश की थी। आरोपियों में बॉबी और सतवीर की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई थी। लंबे समय गायब रहने के कारण आरोपी शिव चरण की पत्रावली अलग कर दी गई। शेष चार आरोपियों के मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहित शर्मा की अदालत में की गई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मधुरानी ने बताया आरोपियों का कहना था कि उन्हें झूठा फंसाया गया है। संपत्ति विवाद के कारण उनके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई गई थी। सरकार की ओर से मधुरानी ने पक्ष प्रस्तुत किया। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अधिवक्ता पवित्र कुमार, उसके भाई मिलन कुमार, अनिल उर्फ बबलू और भतीजे पंकज उर्फ अमित को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई, दोषियों को जेल भेज दिया गया।
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