प्रतापगढ़ न्यूज़: शिक्षा के अधिकार के तहत जिले के नामी निजी स्कूलों में दो चरण की प्रवेश प्रक्रिया के तहत 207 गरीब बच्चों को प्रवेश दिलाने का दावा प्रशासन कर रहा है. तीसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया मई माह से शुरू होगी. निजी स्कूल आरटीई के तहत छात्रों को प्रवेश करने का दावा तो कर रहे हैं लेकिन समय से सरकार की तरफ से फीस न मिलने की शिकायत भी कर रहे हैं.
गरीब परिवार के बच्चोंको भी नामी निजी स्कूलों में अच्छी शिक्षा मिल सके इसके लिए सरकार ने आरटीई के तहत व्यवस्था दी. इसके तहत 25 फीसदी बच्चों को ऐसे स्कूलों में प्रवेश दिया जाना अनिवार्य है. इन बच्चों की फीस स्कूल को सरकार की तरफ से दी जाती है. इसके अलावा किताब व ड्रेस के लिए पांच हजार रुपये भी देने की व्यवस्था है. प्रवेश लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है. सभी आवेदन की पड़ताल कर बेसिक शिक्षा अधिकारी क्षेत्रवार बच्चों का आवंटन कर संबंधित क्षेत्र के निजी स्कूल को प्रवेश लेने के लिए सूची भेजते हैं. जिले में भी यह व्यवस्था मानक के अनुरूप चलाए जाने का दावा प्रशासन की तरफ से किया जा रहा है. बीएसए भूपेंद्र सिंह ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन की जांच सरकार के तय मानक के अनुरूप कराई जाती है. इसमें जो पात्र पाए जाते हैं उनकी सूची तैयार कर स्कूलों मेंप्रवेश दिलाया जाता है. यह भी बताते हैं कि अब तक दो चरण की प्रवेश प्रक्रिया हो चुकी है. पहले चरण में 67 व दूसरे चरण में 140 बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाया जा चुका है. तीसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया मई माह मेंशुरू होगी. इसके तहत आने वाले ऑनलाइन आवेदनों की जांच कर बच्चों को प्रवेश दिलाया जाएगा.
दो दर्जन स्कूलों में प्रवेश की होड़
शहर मुख्यालय से लेकर ग्रामीणांचल तक में स्थित करीब दो दर्जन स्कूलों में ही प्रवेश की मांग अभिभावक करते हैं. इनमें शहर के सात व लालगंज इलाके केतीन स्कूलों मेंअधिकतर अभिभावक अपने बच्चों का प्रवेश चाहते हैं. हालांकि ऑनलाइन आवेदन करने वालों को स्कूल काआवंटन बीएसए कार्यालय से ही कर दिया जाता है.