मेरठ न्यूज़: गंगा मेले में भैंसा-बुग्गी पर रोक लगाने के मामले में प्रशासन कल (शुक्रवार) को बैकफुट पर आ गया। कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे. और डीएम दीपक मीणा ने स्पष्ट किया कि गंगा मेले में भैंसा बुग्गी पर किसी तरह की रोक नहीं है। सिर्फ लंपी बीमारी को देखते हुए ऐतिहात बरती जा रही थी। गंगा मेला प्राचीन संस्कृति से जुड़ा है। उधर, भाजपा जिलाध्यक्ष विमल शर्मा, कोआॅपरेटिव चेयरमैन मनिंदरपाल सिंह के नेतृत्व में भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल कमिश्नर से मिला तथा भैंसा-बुग्गी पर गंगा मेले में लगाई गई रोक को वापस लेने की मांग की। इसके बाद ही केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने भी एक पत्र कमिश्नर और डीएम को लिखा है, जिसमें भैंसा-बुग्गी पर गंगा मेले में लगाई गई रोक को अनुचित ठहराया है। उन्होंने कहा है कि यह रोक तत्काल हटाई जाए। कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले गंगा मेले में इस बार श्रद्धालु भैंसा-बुग्गी नहीं ले जा सकेंगे, ऐसा आदेश प्रशासन ने किया था। प्रशासन के इस आदेश से मेले में जाने वाले किसानों में आक्रोश फूट पड़ा। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने भी कहा था कि प्राचीन संस्कृति से ऐसा करके छेड़छाड़ का प्रयास किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामला तूल पकड़ता, इससे पहले ही कुछ भाजपा नेता भी मैदान में कूद गए। भाजपा जिलाध्यक्ष विमल शर्मा, कॉपरेटिव बैंक के चेयरमैन मनिंदर पाल सिंह के नेतृत्व में भाजपा नेताओं को एक प्रतिनिधिमंडल कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे. से मिला और उनसे कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले गंगा मेले में भैंसा-बुग्गी पर रोक का मुद्दा उनके सामने रखा।
कहा कि भैंसा बुग्गी पर रोक अनुचित है। इसे हटाया जाए। क्योंकि किसान वर्ग के लोग मेले में जाते हैं। इस तरह का आदेश गलत है। कमिश्नर और डीएम दीपक मीणा ने बाद में कहा कि गढ़मुक्तेश्वर में 29 से शुरू होने वाले कार्तिक पूर्णिमा मेले में भैंसा बुग्गी पर किसी तरह की रोक नहीं रहेगी। लंपी बीमारी को देखते हुए रोक की बात कही गई थी, लेकिन प्रशासन ने रोक की बात से इंकार कर दिया। प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि पूर्व की भांति गंगा मेले में भैंसा बुग्गी जा सकेंगे। किसी स्तर पर भी भैंसा-बुग्गी को नहीं रोका जाएगा। हिन्दुओं का कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला मेला बड़ा आयोजन होता हैं। लाखों की तादाद में श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए जाते हैं।