17 साल पहले जमीन कब्जाने के मामले में कार्रवाई, पूर्व विधायक समेत चार को सजा

Update: 2023-03-06 08:57 GMT

गाजियाबाद न्यूज़: अदालत ने पूर्व बसपा विधायक असलम चौधरी को जमीन कब्ज़ाने के प्रयास के एक मामले में छह महीने की सजा सुनाई है. मुकदमे में नामजद पूर्व विधायक के तीन साथियों को भी अदालत ने दोषी मानते हुए छह-छह माह की सजा सुनाई है. प्रत्येक अभियुक्त को 10,500 रुपए का अर्थदंड भी सुनाया गया.

एमपी एमएलए की विशेष अदालत से करीब 17 साल पूर्व के एक मामले में दोषी मानते हुए अभियुक्तों को सजा सुनाई गई. मामला मसूरी थाना क्षेत्र के डासना की है. मंडी समिति के पूर्व चेयरमैन लईक अहमद द्वारा सात जनवरी 2006 को मसूरी थाने में एक मुकदमा दर्ज कराया गया. मुकदमे में असलम चौधरी, हाजी निजाम, शाहिद अली और मुजम्मिल पर आरोप लगाया गया कि चारों लोगों ने डासना में उनके मकान पर आए और चारदीवारी गिरा दी. चारों आरोपी जमीन कब्जा कर किसी और को बेचना चाहते थे.

मसूरी थाने की पुलिस ने मामले में विवेचना की और कुछ महीने बाद ही अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था. आरोपपत्र में असलम चौधरी समेत चारों के नाम थे. उस वक्त असलम चौधरी एक राजनीतिक दल के सक्रिय कार्यकर्ता थे. बाद में 2017 से 2022 तक धौलाना विधानसभा क्षेत्र से बसपा के विधायक रहे. तब यह मामला विशेष अदालत में पहुंच गया. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय एवं विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट रवि शंकर गुप्ता की अदालत में पूर्व चेयरमैन की जमीन कब्ज़ाने के प्रयास के इस मुकदमे में अंतिम सुनवाई हुई. ठहराया तथा चारों अभियुक्तों को छह-छह माह की सजा और अर्थदंड से दंडित किया.

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